Indian News : रायगढ़ | छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हाथियों के एक दल ने पिछले तीन दिनों में 34 गांवों के 131 किसानों की फसलों को बुरी तरह से नष्ट कर दिया है। विभाग की ओर से नुकसान का आकलन किया जा रहा है, लेकिन स्थानीय किसान इस स्थिति से बेहद परेशान हैं।
हाथियों का दल सक्रिय : जिले के दो वन मंडल, धरमजयगढ़ और रायगढ़, में 158 हाथियों का एक दल घूम रहा है। ये हाथी रात के साथ-साथ कभी-कभी दिन में भी जंगल से निकलकर खेतों में पहुंच रहे हैं। इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, और वे अपनी फसलों को सुरक्षित रखने के उपाय खोज रहे हैं।
प्रभावित गांव और फसलें : रायगढ़ वन मंडल के चारमार, भेंगारी, छर्राटांगर, अमलीडीह, सामारूमा, सराईपाली, बरौद, बटुराकछार, चीमटापानी, दनौट, फूलीकुंडा, कया, कमतरा, खुरूजखोल, कांटाझरिया सहित कई गांवों में हाथियों ने फसलों को रौंदा है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, और वे अपनी आजीविका को लेकर चिंतित हैं।
प्रशासन की अपील : रायगढ़ सब डिवीजन के एसडीओ मनमोहन मिश्रा ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि रात में जब हाथी खेतों में आते हैं, तो उन्हें डिस्टर्ब न करें, ताकि किसी प्रकार की जनहानि न हो सके। उन्होंने बताया कि नुकसान का मुआवजा विभाग द्वारा दिया जाएगा।
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मित्र दल की सक्रियता : हाथियों की सूचना मिलते ही ‘मित्र दल’ मौके पर पहुंचकर उन पर नजर रखते हैं। रात में हाथियों के आने के बाद ग्रामीण और मित्र दल के सदस्य विभिन्न आवाजें निकालकर उन्हें भगाने की कोशिश करते हैं। इस प्रक्रिया से हाथियों का दल गांव में प्रवेश न कर सके, यह सुनिश्चित किया जाता है।
मुनादी और जन जागरूकता : गांव-गांव में मुनादी कराई जा रही है ताकि लोग हाथियों की गतिविधियों से सतर्क रहें। हालांकि, फसलों के नुकसान के कारण किसान परेशान हैं और उन्हें उचित मुआवजा मिलने की उम्मीद है। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन को प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि किसानों की चिंताओं का समाधान किया जा सके और उनकी फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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