Indian News : इंदौर | लोकायुक्त पुलिस ने जनजाति कार्य विभाग (कलेक्टोरेट) की एक महिला कर्मचारी को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत होस्टल के किराए के 11 लाख रुपए के भुगतान के एवज में मंडल संयोजक ने मांगी थी। जब पीडित राशि लेकर पहुंचा तो उसने रुपए साथी महिला कर्मचारी को देने को कहा था। मुख्य आरोपी का नाम विजय कुमार पिता रामचन्द्र जायसवाल (55) है। वह सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग में क्षेत्रीय मंडल संयोजक है। दूसरी आरोपी इसी ऑफिस में पदस्थ उमा मर्सकोले पति स्व. सरदार सिंह मर्सकोले (43) है। फरियादी विक्रम सिंह गेहलोत (67) निवासी रानीबाग है। गेहलोत के मुताबिक उन्होंने श्री कृष्ण एवेन्यू थर्ड फेस स्थित अपना होस्टल 2015 से 2023 तक जनजातीय कार्य विभाग को किराए पर दिया था।

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यहां विभाग द्वारा जूनियर कन्या छात्रावास संचालित किया जा रहा था। उन्होंने अप्रैल 2023 में विभाग से होस्टल खाली करा लिया था, लेकिन किराया वृद्धि का एरियर 11 लाख रुपए बाकी था। इसके लिए विजय जायसवाल और उमा मर्सकोले (सहायक ग्रेड-2) द्वारा 15% राशि की मांग की जा रही थी। गेहलोत ने इसकी शिकायत लोकायुक्त एसपी से की। शिकायत के सत्यापन के दौरान विजय जायसवाल द्वारा 50 हज़ार रुपए की राशि का लेनदेन तय हुआ। सोमवार को जब गेहलोत विजय जायसवाल से मिलने पहुंचे तो उनके द्वारा बताया गया कि वह अभी कार्यालय में नहीं हैं। उन्होंने यह राशि उमा को देने को कहा। इस पर गेहलोत ने रुपए उमा को दे दिए तो उसने लेकर आलमारी में रख दिए। इस दौरान लोकायुक्त पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

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