Indian News : नई दिल्ली । वास्तु शास्त्र के अनुसार घर हो या दुकान, बिल्डिंग हो यो फिर कोई बड़ी छोटी फैक्ट्री, इनका निर्माण करते समय वास्तु के नियमों का धयान रखना बेहद जरूरी माना जात है। कहा जाता है जिस जगग पर किसी भी चीज़ का निर्माण वास्तु के अनुसार नही किया जाता वहां हमेशा नकारात्मक ऊर्जा को तो वास होता ही है साथ ही साथ उस जगह से किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिलता है। ऐसे में आपको इन वास्तु उपायों को अपनाना चाहिए।
ऐसी होनी चाहिए बाउंड्री
फैक्टरी जिस भूमि पर बन रही है उसकी बाउंड्री की दीवार पश्चिम एवं दक्षिण की तुलना में पूर्व और उत्तर दिशा की तरफ नीची होनी चाहिए यानि दक्षिण-पश्चिम में निर्माण अधिक भारी हो।
कैसा होना चाहिए मुख्य द्वार
वास्तु शास्त्र के अनुसार फैक्टरी का मेन गेट उत्तर-पूर्व की ओर रखना चाहिए। तो वहीं छोटे द्वार को उत्तर-पश्चिम दिशा में बनाना अच्छा रहता है। अगर मेन गेट पूर्व दिशा में है तो स्टोर को दक्षिण-पूर्व दिशा में बनवाएं और यदि गेट उत्तर की ओर है तो को उत्तर-पश्चिम में होनी चाहिए।
बिजली से चलने वाले उपकरणों को कहां रखना है लाभकारी
बिजली के उपकरण जैसे जनरेटर, चिमनी, टेलीफोन का खम्बा, मोटर, गैस, ट्रांसफार्मर आदि जैसी चीजें को हमेशा अग्नि की दिशा यानि पूर्व और दक्षिण दिशा के मध्य में रखना चाहिए।
सबसे महत्वपूर्ण है उत्तर-पूर्व दिशा
भूमि का ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व का कोना कटा हुआ नहीं होना चाहिए, इसे अशुभ माना जाता है। इस कोने में किसी प्रकार का भारी सामान नहीं रखना चाहिए। पानी का काम जैसे बोरिंग या सीवरेज का काम, अंडरग्राउंड टैंक ईशान कोण में बनाना लाभदायक होता है। हालांकि ओवरहेड पानी की टंकी सदैव दक्षिण-पूर्व दिशा में ही रखना उपयुक्त है। इस दिशा में शौचालय बनवाना भी वास्तु के मुताबिक अशुभ माना गया है।
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