Indian News : पलारी में जागृति शिक्षा संस्थान के नाम पर 2500 महिलाओं से 10 लाख रुपए की ठगी हो गई। तीनों आरोपी बिहार के रहने वाले हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है। मामला पलारी थाना क्षेत्र का है। मुख्य आरोपी का नाम रंजन कुमार केसरी है। रंजन कुमार केसरी, रवि कुमार गुप्ता और एक अन्य आरोपी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।
पलारी नगर में फैंसी स्टोर चलाने वाली उर्मिला मिरी ने बताया कि उनके पास 2 माह पहले एनजीओ के नाम पर 3 लोग पहुंचे और एनजीओ का अधिकारी बताया। कहा कि वे महिला उत्थान के लिए काम करते हैं। उन्होंने उर्मिला को लुभावनी योजनाएं बताईं, जिसमें निःशुल्क एक साल तक का प्रशिक्षण देने का वादा किया। हर महीने 2 हजार से 10 हजार रुपए का वेतन देने का भी झांसा आरोपियों ने दिया।
आरोपियों ने पहले उर्मिला से जुड़ने के लिए 380 रुपए फीस ली और एक समूह बनाने को कहा, जिसमें 12 सदस्य और एक मास्टर ट्रेनर रखने के लिए 1,010 रुपए की फीस ले ली गई। इस तरह समूह के प्रशिक्षण लेने वाली हर महिला को काम के आधार पर वेतन देने की बात कही गई, जिसमें ब्यूटी पार्लर, सिलाई-कढ़ाई, कंप्यूटर, पापड़, अगरबत्ती बनाने की ट्रेनिंग देने की बात कही गई।
वहीं जिन महिलाओं को 50 समूह बनाने के बाद वेतन देने का वादा किया था वहा झूठा निकला न वेतन दिया और न ही किसी प्रकार का उपहार दिया गया। वहीं महिलाओं को समूहों से फार्म भरवाने के लिए एक फार्म वाली बुक दी और जागृति शिक्षा संस्थान नई दिल्ली के नाम का एक प्रमाण पत्र दिया गया, जिसके आधार पर महिलाओं के समूह बनाए और रंजन कुमार केशरी, रवि गुप्ता द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन भी महिलाएं करती रहीं। वहीं प्राथी उर्मिला मिरी ने बताया की महिलाओं को इस संस्था से जुड़ने का आग्रह किया और पलारी क्षेत्र की अन्य महिलाएं जिनमें 1 महिला ग्रुप ने 45 समूहों से कुल 250650 रुपए, दूसरे ग्रुप द्वारा 72 समूहों से 401040 रुपए, गीता साधु द्वारा 10 समूहों से 55700 रजन कुमार के पास नगद जमा कराए। जिससे लगभग पलारी क्षेत्र से 9 लाख 85 हजार 890 रुपए जागृति शिक्षा संस्थान नई दिल्ली के नाम पर रंजन कुमार केशरी ने नगद प्राप्त किए तथा सारा पैसा लेकर फरार हो गया।
आरोपियों ने कहा कि एक साल तक ट्रेनिंग देने के बाद जो मास्टर ट्रेनर होंगे, उन्हें 10,700 वेतन और बाकी सदस्यों को 2000 रुपए महीना, साथ ही निःशुल्क सिलाई मशीन भी दी जाएगी। उर्मिला मिरी ने जब समूह बना लिया, तो उनको तत्काल ब्लॉक प्रमुख बनाकर 17,000 वेतन देने की बात कही और पूरे ब्लॉक में समूह बनाने को कहा। प्रति समूह से 5,570 रुपए फीस के रूप में वसूल किया। जिसे समूह की महिलाओं ने नगद एनजीओ के तीनों सदस्यों के पास जमा करती गईं। आरोपियों ने महिलाओं का विश्वास जीतने के लिए 20 सिलाई मशीन एक-एक समूह को दे दिया।
इससे महिलाएं उनके जाल में फंसती गईं और इसका फायदा उठाते हुए पलारी ब्लॉक के दर्जनों गांवों में करीब 300 समूह बनाया गया और जब उनसे पैसा वसूल लिया, तो तीनों आरोपी फरार हो गए और अपना मोबाइल बंद कर लिया। समूह में जुड़ी महिलाओं ने आरोपियों से लगातार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन मोबाइल बंद होने से संपर्क नहीं हो पाया। बलौदाबाजार स्थित कार्यालय में ताला लगा होने से महिलाओं को अपने साथ हुई ठगी का पता चला। इसके बाद महिलाओं ने पलारी थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 420, 34 दर्ज कर उनकी तलाश में जुट गई है।
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