Indian News : भारत ने टेस्ट मैच को पौने तीन दिन में ही निपटा दिया. श्रीलंका की टीम एक पारी और 222 रनों से हार गयी. मैच के हीरो रहे रवीन्द्र जडेजा, जिन्होंने 175 बनाये और फिर मैच में 9 विकेट लिये. यहां ये समझ लिया जाए कि श्रीलंका की पूरी टीम ने मात्र 8 विकेट लिये थे और पहली पारी में 174 रन ही बनाये थे. इस लिहाज़ से जडेजा अकेले पूरी श्रीलंका की टीम पर भारी पड़ते दिखे. मैच मोहाली में हुआ था और पहले फैसला ये किया गया था कि मोहाली में दर्शकों की एंट्री नहीं हो सकेगी. लेकिन फिर विराट कोहली के 100वें टेस्ट मैच के चलते लोगों की भारी मांग को देखते हुए बीसीसीआई ने दर्शकों की एंट्री के रास्ते खोल दिए. हर विराट कोहली की 71वीं सेंचुरी का इंतज़ार कर रहा था. 

4 मार्च को लगभग साढ़े 10 बजे मयंक अग्रवाल के पैड पर गेंद लगी और पूरे स्टेडियम ने अपील में में एम्बुलडेनिया का साथ दिया. मयंक अग्रवाल ने कुछ सेकण्ड के लिये हनुमा विहारी के साथ डीआरएस के बारे में बात की लेकिन वो चलते बने. शोर और बढ़ता गया. क्यूंकि विराट कोहली मैदान में आ रहे थे. मैदान में लगी दोनों बड़ी स्क्रीन पर उन्हें दिखाया जा रहा था. कोहली के नाम से मोहाली का आसमान गूंज रहा था. और यहां से लेकर 6 मार्च को मैच ख़तम होने तक कोहली का जलवा दिखा. 

बाउंड्री से खासी दूरी पर मौजूद एक-एक शख्स विराट कोहली की एक-एक हरकत पर नज़र बनाये हुआ था. हर मौके पर, गेंद के डेड होने से लेकर गेंदबाज़ के रन-अप शुरू होने से पहले, हज़ारों लोगों की कोशिश यही थी कि उनकी आवाज़ विराट कोहली तक पहुंच जाये और वो एक बार नज़र उठाकर उनकी ओर देख लें. दिशा खो चुकी गेंद ऋषभ पन्त से मिस हुई और लॉन्ग लेग बाउंड्री तक पहुंची तो नॉर्थ स्टैंड में बैठे लोग पिच की दिशा में हाथ हिलाने लगे. उन्हें लगा कि स्लिप में खड़े कोहली उनकी ओर देख रहे हैं. बाद में मालूम पड़ा कि बाउंड्री पर जाकर गेंद उठा रहे जयंत यादव उनकी ओर गेंद उछालने वाले थे, कोहली उसी का इंतज़ार कर रहे थे. लेकिन इन 5 5 सेकंडों में, गलतफ़हमी ही सही, कम से कम पांच सौ लोगों का दिन या महीना या साल बन चुका था क्यूंकि उन्हें लगा कि कोहली ने उनकी ओर देखा. ये कोहली के कद और उनके लोगों के जीवन पर पड़े इम्पैक्ट की एक छोटी सी बानगी थी.




ऐसा नहीं है कि ये बातें कोहली तक ही सीमित थीं. रवीन्द्र जडेजा, ऋषभ पन्त, आर अश्विन, बुमराह और श्रेयस ऐयर क्राउड के फ़ेवरिट थे. श्रेयस ऐयर जिस भीमैदान में जाते हैं, पेप्सी को सबसे ज़्यादा फ़ायदा होता है. पेप्सी को चाहिये कि वो जितना जल्दी हो सके श्रेयस ऐयर को साइन करें और ’10 रुपये की पेप्सी, ऐयर भाई सेक्सी’ को भुना लें. दूसरे दिन भारत ने पारी डिक्लेयर की और टी डिक्लेयर हो गयी. सेशन शुरू होने से कुछ 10 मिनट पहले पवेलियन से निकलकर भागते हुए बीच मैदान में आये जहां मोहम्मद शमी पहले से गेंदबाज़ी करते हुए इंजन गरम करने में लगे हुए थे.

बुमराह को देखते ही ज़ोर का हल्ला हुआ. स्टैंड के आगे लगा चुम्बक फिर ऐक्टिव हुआ और भीड़ खिंचकर आगे की ओर आ गयी. फ़ोन के कैमरे ऑन हो गए और बुमराह का ऐक्शन उसमें कैद होने लगा. एक अंकल ने अपनी पत्नी (उनके साथ जो थीं, उनकी पत्नी ही थीं, शायद) से कहा, ‘बच्चा सा है ये तो. टीवी पर बड़ा लगता है.’ मैं उनसे पूरी तरह से सहमत था. रवीन्द्र जडेजा ने सेंचुरी मारी थी और पहली पारी में 5 विकेट लिये थे. उनका भौकाल बना हुआ था. वो जिस छोर पर खड़े फ़ील्डिंग कर रहे थे, उन्हें पुकारा जा रहा था. बाउंड्री तक गेंद उठाने आये तो बहुत देर से उनका नाम पुकार रहे एक लड़के ने कहा, ‘ओ इक वारी देख ता ले जड्डू!’ 

लेकिन विराट कोहली के रौले की कहानी ही अलग थी. भीड़ के शोर से आप ये बता सकते थे कि कोहली मैदान के किस हिस्से की ओर देख रहे थे. अगर किसी को ये शक भी होता कि कोहली ने उसकी ओर देखा भर है, वो हाथ हिलाता या पूरे हक़ के साथ विराट का नाम ऐसे पुकारता जैसे बचपन में उसने कोहली के साथ छोले-भटूरे खाए हों. . श्रीलंका की पहली बल्लेबाज़ी के दौरान कोहली ने दर्शकों से तब दुआ-सलाम की जब चेयर ब्लॉक 1 ने नारे ‘बन्दूक की गोली, विराट कोहली’ का शोर मचाना शुरू किया. शमी के पास गेंद वापस जा रही थी और कोहली ने भीड़ की ओर देखकर गोली मारने का इशारा किया. शोर सुनकर ऐसा लगा कि कोहली दोबारा बल्लेबाज़ी करने आ रहे थे मेरे बगल में बैठे जयपुर से मैच देखने आये बिट्टू शर्मा ने कहा, ‘टेस्ट मैच में कोहली जैसे एंटरटेनर की बहुत ज़रूरत है. वरना कौन आयेगा एम्बुलडेनिया को ‘ बात में दम था. विराट कोहली वाकई हर ब्रॉडकास्टर का सपना हैं. वो भीड़ को खींच सकते हैं. खींच रहे हैं. 45 रनों पर आउट होने वाले, शतक देखने की उम्मीद तोड़ने वाला विराट कोहली अभी भी दर्शकों का लाडला था.

तीसरे दिन, जब जीत तय हो चुकी थी, कोहली गियर में आ चुके थे. वो लगातार दर्शकों को शोर मचाने को कह रहे थे. अपने दायें और बायें ओर मौजूद लोगों को वो बता ता भी रहे थे कि कौन शोर मचाने में आगे था. थर्ड मैन पर खड़े रवीन्द्र जडेजा खेल में मशगूल थे. वो अपना ओवर ख़तम करके वहां आये थे. उनके पीछे खड़ी “जड्डू… जड्डू!” का शोर कर रही थी. जडेजा ख़ास ध्यान नहीं दे रहे थे. शमी के रन-अप पर जाते वक़्त कोहली ने उनकी ओर इशारा किया और दोनों हाथ के पंजे घुमाकर जडेजा से पूछा कि वो ऐसा क्यूं कर रहे थे, वो क्यूं दर्शकों का अभिवादन स्वीकार नहीं कर रहे थे. उन्होंने जडेजा को आदेश दिया और जड्डू ने पीछे पलटकर भीड़ की ओर हाथ जोड़े. बात छोटी सी लग सकती है लेकिन ये बताती है कि कोहली मैदान में आकर मैच और अपने चहेतों को देखने वाले दर्शकों के फ़ीडबैक को कितनी तवज्जो देते हैं

3 दिनों से ये सब कुछ देखने के बाद इंतहा तब हुई जब चेयर ब्लॉक 1 के दर्शकों ने गाना गाना शुरू किया. अफ़्रीका में खेले गए टेस्ट मैच में कोहली को स्टेडियम में बज रहे म्यूज़िक पर नाचते देखा गया है. मोहली में म्यूज़िक नहीं था. तो दर्शकों ने मामला अपने हाथ में लिया और एक आवाज़ में अनिल कपूर पर फ़िल्माया गया ‘ए जी, ओ जी, लो जी, सुनो जी…’ गाना शुरू किया. कोहली ने बाकायदे संज्ञान लिया और अनिल कपूर के स्टेप्स दोहराते हुए 2 कदम आगे बढ़ाये. एक फिर मोहाली का वॉल्यूम बढ़ चुका था.

आंकड़े बहुत कुछ कहते हैं लेकिन सब कुछ नहीं. आंकड़ों के आगे भी कई बातें हैं जो आंखों के आगे घटती हैं तो समझ में आती हैं. विराट कोहली एक कथित ख़राब दौर से गुज़र रहे हैं. पैमाना ये है कि उन्होंने आख़िरी बार नवम्बर 2019 में शतक बनाया था. इस बीच में वो कप्तानी से भी हटे/हटाये गए हैं. वो राजनीति के बीच घिरे देखे जा सकते हैं. लेकिन लोगों के लिये कोहली हीरो है और उसकी कीमत में एक पैसे की कमी नहीं आयी है. उनकी हरक़तों, भाव-भंगिमाओं और कई मौकों पर पर मैदान में इस्तेमाल की गयी भाषा आदि-अनादि के चलते वो आलोचना के पात्र भी बंटे हैं. लेकिन सच्चाई ये है कि विराट कोहली भीड़ के दुलारे हैं और लोगों के के मन में उनके लिये भयानक प्यार है. पैसे, ऊर्जा और समय ख़र्च करके लोग मैदान में आते हैं जिससे विराट कोहली को देख सकें और अगर कोहली ने एक पल के लिये उन्हें देख लिया तो ख़ुद को धन्य मान सकें. फिर चाहे कोहली जयंत यादव से गेंद ही क्यूं न मांग रहे हों.

विराट कोहली ‘भौकाल’ शब्द का पर्याय बन चुके हैं उनके लिये ओम प्रकाश भंडारी उर्फ़ क़मर जलालाबादी से उधार लेकर कहा जा सकता है – 
“देखा मचल के जिधर, बिजली गिरा दी उधर
किसका जला आशियां, बिजली को ये क्या ख़बर…”

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