Indian News : नई दिल्ली | भारत में जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) को अपनाकर पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। उन्होंने इस विशेष अवसर पर भारतीय रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों का पालन करते हुए नारियल फोड़कर और अपनी नई कार पर नींबू-मिर्ची बांधकर बुरी आत्माओं को दूर भगाने का अनुष्ठान किया।
प्रदूषण कम करने का संकल्प
एकरमैन ने कहा कि सर्दियों में दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया, “जर्मनी और भारत आपसी साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसे सतत विकास के लिए साझेदारी समझौता कहा जाता है। सर्दियों में प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो जाती है, और मैंने सोचा कि हमें इसे कम करने में योगदान देना चाहिए।”
इलेक्ट्रिक वाहन का महत्व
इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते उपयोग का उद्देश्य न केवल व्यक्तिगत स्तर पर प्रदूषण को कम करना है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए भी महत्वपूर्ण है। एकरमैन ने यह स्पष्ट किया कि उनके मुख्यालय ने भी इस दिशा में कदम उठाने के लिए सहमति दी, जिससे उन्हें एक नई ई-कार प्राप्त हुई।
भारत और जर्मनी के बीच व्यापारिक संबंध
इससे पहले, 12 अक्टूबर को एकरमैन ने दिल्ली में फेडरेशन ऑफ यूरोपियन बिजनेस इन इंडिया (FEBI) के शुभारंभ पर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह संगठन भारत और यूरोप के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) वार्ता को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
स्थायी विकास की दिशा में कदम
जर्मन राजदूत ने भारत में स्थायी विकास की दिशा में उठाए गए कदमों की प्रशंसा की और कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ईवी का उपयोग न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर आवश्यक है, जिससे भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित किया जा सके।
निष्कर्ष
फिलिप एकरमैन का इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने का कदम भारत में स्थिरता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। उनके इस कदम से अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी कि वे भी प्रदूषण कम करने और स्थायी परिवहन विकल्पों को अपनाने की दिशा में कदम बढ़ाएं।
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