Indian News : बिलासपुर । पेंड्रा क्षेत्र में रहने वाली 15 साल की किशोरी का शिकवा गांव में रहने वाले खेमचंद रजक से प्रेम संबंध था। युवक ने नाबालिग से शारीरिक संबंध बनाए, इससे वह गर्भवती हो गई। पांच महीने का गर्भ होने पर युवती ने युवक को इसकी जानकारी दी तो युवक घबरा गया। उसने गर्भपात की गोली युवती को दे दी। गर्भ से छुटकारा पाने के लिए युवती ने भी गर्भपात की दवा खा ली। इससे उसकी तबीयत खराब हो गई। अत्याधिक रक्तस्त्राव से उसकी मौत हो गई। बिलासपुर कोर्ट ने गर्भपात गोली खाने के बाद नाबालिग की मौत मामले में आरोपी को हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया। वहीं, दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
इसकी शिकायत पर पुलिस ने धारा 304, 376, 313 और 314 के तहत जुर्म दर्ज किया। जांच के बाद आरोपित खेमचंद रजक को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। युवती उम्र की जानकारी होने के बाद पुलिस ने मामले में पाक्सो एक्ट की धारा भी जोड़ी।
मामले की सुनवाई विशेष अपर सत्र न्यायधीश किरण थवाईत के कोर्ट में हुई। अपना फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि अभियुक्त युवती की हत्या नहीं करना चाहता था। उसका उद्देश्य केवल गर्भ को गिराने का था। न्यायालय ने आरोपी को हत्या के मामले में दोष मुक्त किया। वहीं, साक्ष्य और गवाहों के बयान के आधार पर उसे दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट का दोषी पाया। इसके लिए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।