Indian News : बिलासपुर | बिलासपुर जोन के बिलासपुर और दुर्ग डिपो से छूटने वाली लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों के एसी कोच में यात्रियों को दिए जाने वाले कंबल, चादर, पिलोकवर, फेश टॉवेल की लगातार चोरी हो रही है। इस मामले में रेलवे प्रशासन हर महीने लाखों रुपए की पेनाल्टी ठेका कंपनी पर कर रहा है। पिछले चार महीने में लगभग 55 लाख 97 हजार 406 रुपए के सामान की चाेरी हुई है।

रेलवे मूल दर से लगभग 75 फीसदी दर के हिसाब से 41 लाख 97 हजार 846 रुपए की पेनाल्टी तय की गई है। रेलवे ने ट्रेनों में एसी अटेंडेंट का काम ठेके पर दे दिया है। ठेका कंपनी को हर गाड़ी के लिए कंबल, चादर, तकिया, फेस टॉवेल, पिलो, पिलो कवर और बॉथ टॉवेल गिनती करके दिए जाते हैं। और वापस आने पर गिनती करके लिए जाते हैं।

वापसी में जितने भी सामान कम होते हैं उसका रिकाॅर्ड रखा जाता है। कंपनी कर्मचारी के समक्ष ही ये किया जाता है और उसे अवगत कराया जाता है। चोरी की घटनाएं नई नहीं हैं लेकिन जब से एसी कोच में अटेंडर का काम निजी ठेके पर दिया है तब से चोरियां बढ़ी हैं। पहले जब रेलवे प्रशासन के जिम्मे यह काम था तब कभी कभार ही चीजें चोरी होती थी।




मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बिलासपुर जोन की छत्तीसगढ़ और नर्मदा एक्सप्रेस के एसी कोच में सर्वाधिक चोरिया हो रही है। इनमें छत्तीसगढ़ की पांच रैक है इसमें सभी में चादर, तकिया, कंबल, नेपकिन की सप्लाई होती है। इसी में ज्यादा चोरी होती है। क्योंकि ये ट्रेनें गंतव्य तक पहुंचने में 36 घंटे से भी ज्यादा का समय लेती हैं।

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