Indian News : नई दिल्ली। डीपफेक टेक्नोलॉजी के खतरे से निपटने के लिए केंद्र सरकार सख्त हो गई है। सरकार जल्द ही सख्त कदम उठाने जा रही है। कहा जा रहा है कि सरकार डीपफेक को लेकर सख्त नियम ला सकती है।

जिसमें संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों पर कार्रवाई करने और सख्त कानून बनाने को कहा है। कंपनी इस दिशा में काम भी कर रही है। गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ बैठक के बाद केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डीपफेक को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा- सरकार रेगुलेशन लाने पर विचार कर रही है। डीपफेक से निपटने के लिए जल्द नियम बनाए जाएंगे।

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क्या है डीपफेक विवाद?
हाल ही में सोशल मीडिया पर बॉलीवुड एक्टर और एक्ट्रेस को टारगेट करने वाले कई डीपफेक वीडियो वायरल हुए हैं। जिसे लेकर बड़ी संख्या में लोगों ने नाराजगी जताई है। ऐसे फर्जी कंटेंट पर कई तरह के सवाल उठाए गए। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उनका गरबा खेलते हुए एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, हालांकि उन्होंने कभी गरबा नहीं खेला है। प्रधानमंत्री ने इसे खतरनाक बात बताया और इसे गंभीरता से लेने को कहा।




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सामाजिक खतरा है डीपफेक
आईटी मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, नैसकॉम और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र के अन्य प्रोफेसरों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ बैठक के बाद कहा कि डीपफेक लोकतंत्र के लिए एक नया खतरा बनकर उभरे हैं। उन्होंने कहा, ‘आज सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बैठक के लिए बुलाया गया था। सभी के साथ चर्चा हुई और सभी ने डीपफेक के खतरे और इसकी गंभीरता को स्वीकार किया कि ये एक बहुत बड़ा सामाजिक खतरा उभर कर आया है’।

कंपनियों को जारी किया नोटिस
वैष्णव ने चेतावनी दी है कि अगर प्लेटफॉर्म डीपफेक को हटाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाते हैं तो सेफ हार्बर इम्युनिटी क्लॉज लागू नहीं होगा। सरकार ने हाल ही में इस मुद्दे पर कंपनियों को एक नोटिस जारी किया था, और जब प्लेटफार्मों ने जवाब दिया, तो मंत्री ने स्पष्ट किया कि कंपनियों को ऐसी कंटेंट पर कार्रवाई करने में अधिक आक्रामक होना होगा।

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