Indian News : दिल्ली | दिल्ली हाईकोर्ट ने बलात्कार के मामले में एक मुस्लिम व्यक्ति को रिहा करने के फैसले को बरकरार रखा है. कोर्ट ने कहा कि ’15 साल की पत्नी के साथ शरीरिक संबंध बनाने को बलात्कार नहीं कहा जा सकता है.

‘दो जजों की खंडपीठ ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें कहा गया था कि नाबालिग की गवाही के मद्देनजर व्यक्ति के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है.

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