Indian News : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्रमुख ब्याज दर अर्थात रेपो रेट (Repo Rate) में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है. इस फैसले के बाद देश में रेपो रेट बढ़कर 5.40 फीसदी हो गई है. गौरतलब है कि आठ जून को हुए पिछले नीतिगत ऐलान में भी RBI ने रेपो रेट में आधे फीसदी का इजाफा किया था. जिसके बाद रेपो रेट बढ़कर 4.90 फीसदी पर पहुंच गई थी. जानकारों का मानना है कि रिजर्व बैंक ने महंगाई में कमी लाने के लिए रेपो रेट में यह इजाफा किया है. इस फैसले से साफ है कि होम लोन की ईएमआई भरने वालों को अधिक भुगतान के लिए कमर कस लेनी चाहिए. भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में इजाफा किए जाने के बाद से बैंकों ने लोन की दरों में बढ़ोतरी शुरू कर दी है.
RBI hikes repo rate by 50 basis points to 5.4% with immediate effect pic.twitter.com/axs5EMdvIM
— ANI (@ANI) August 5, 2022
आपकी ईएमआई में होगा इजाफा
रेपो रेट में इस बढ़ोतरी का बोझ बैंक अपने ग्राहकों पर डालेंगे. इससे सीधे-सीधे आपके लोन की किस्त बढ़ जाएगी. यानी होम लोन (Home Loan) के साथ-साथ आपके पर्सनल लोन (Personal Loan) और यहां तक कि ऑटो लोन (Auto Loan) की ईएमआई में भी इजाफा होगा. उदाहरण के लिए अगर आपने 20 लाख रुपये का होम लोन लिया है और उसकी अवधि 20 साल की है तो आपकी किस्त 16,112 रुपये से बढ़कर 16,729 रुपये पर पहुंच जाएगी. आइए जानते हैं कि लोन पर ब्याज दर .5 फीसदी बढ़ जाने पर ईएमआई पर क्या फर्क पड़ेगा.
रकम | अवधि | ब्याज दर | किस्त (रुपये में) | संशोधित दर | किस्त (रुपये में) | बढ़ोतरी (रुपये में) |
10 लाख रुपये | 20 साल | 7.5% | 8,056 | 8% | 8,364 | 308 |
20 लाख रुपये | 20 साल | 7.5% | 16,112 | 8% | 16,729 | 617 |
30 लाख रुपये | 20 साल | 7.5% | 24,168 | 8% | 25,093 | 925 |
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आज हुई ये बढ़ोतरी एक दशक में सबसे तेज है. बताते चलें कि अभी हाल ही में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व यानी यूएस फेडरल रिजर्व ने भी अपनी ब्याज दरों में इजाफा किया था. इसके चलते उम्मीद की जा रही थी कि आरबीआई भी ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला ले सकता है.
जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को रखा बरकरार
RBI के द्वारा रेपो रेटे में हुए इजाफे के साथ ही यह दर अगस्त 2019 के बाद सबसे अधिक हो गई है. यानी कहा जा सकता है कि रेपो रेट अब कोरोना महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गई है. बताते चलें कि RBI पहले ही ये ऐलान कर चुका था कि वो धीरे-धीरे अपने उदार रुख को वापस लेगा. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023 के लिए देश के सकल घरेल उत्पाद (GDP) के ग्रोथ अनुमान को 7.2% पर बरकरार रखा है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट्स को 5.15% से बढ़ाकर 5.65% किया गया है.
रेपो रेट का आपकी ईएमआई से क्या नाता है?
इकॉनमी के जानकारों यानी बिजनेस एक्सपर्ट्स के मुताबिक रेपो रेट को प्रमुख ब्याज दर के नाम से भी जानते हैं. यह रेपो रेट वो दर होती है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से पैसा उधार लेते हैं. जाहिर है कि जब बैंकों के लिए उधारी महंगी हो जाती है, तो वे ग्राहकों को भी अधिक दर पर लोन देते हैं. इसका सीधा अर्थ है कि रेपो रेट बढ़ने पर होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan) और पर्सनल लोन (Personal Loan) जैसा कर्ज महंगा हो जाता है.