Indian News : डेडलिफ्ट एक मेजर वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज (Weight Training Exercise) है जो आपके हैमस्ट्रिंग, बट और बैक सहित पूरे शरीर में कई मसल ग्रुप को लाभ पहुंचाता है. यह बारबेल स्क्वाट और बेंच प्रेस के अलावा किसी भी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग प्लान में तीन प्राइमरी एक्सरसाइस में से एक है. हालांकि, डेडलिफ्ट करने वाला कोई भी नया व्यक्ति चोटिल हो सकता है. यही कारण है कि एक्सरसाइज के इन और आउट को समझना जरूरी है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि डेडलिफ्ट एक शानदार फुल बॉडी एक्सरसाइज (Full Body Exercise) है, लेकिन अगर इसे सही तरीके से नहीं किया जाता है, तो यह शरीर के विभिन्न हिस्सों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में यहां हम बिना इंजरी के डेडलिफ्ट करने का तरीका बता रहे हैं जो किसी के भी काम आ सकता है.

डेडलिफ्ट करने का स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस | Step By Step Process Of Deadlifting

1) डेडलिफ्ट करते समय सही पॉश्चर बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है. जब आप बारबेल के पास जाते हैं, तो ध्यान रखें कि इसे बहुत दूर नहीं रखा गया है. ये जोखिम भरा हो सकता है. इसलिए बार को अपने पैरों के ऊपर और अपने पिंडली से लगभग एक इंच दूर रखें.

2) स्टेप 2 में बारबेल को पकड़ना शामिल है. अपने घुटनों को बिल्कुल भी न मोड़ें और न ही आगे की ओर धकेलें. अपने हाथों को बारबेल पर शोल्डर-विड्थ से थोड़ा वाइड और ओवरहैंड ग्रिप के साथ रखें.




3) अब जब आपने बारबेल को पकड़ लिया है और इसे उठाने के लिए तैयार हैं, तो अब आप अपने घुटनों को आगे की ओर मोड़ सकते हैं और अपने हिप्स को तब तक नीचे कर सकते हैं जब तक कि आपकी पिंडली बार को न छू लें.

4) अब आप पाएंगे कि आपकी पीठ थोड़ी धनुषाकार है, इसलिए आपको इसे सीधा करना होगा ताकि पूरे शरीर में बार को ऊपर खींचने की ताकत और स्थिरता आ जाए. ये एंश्योर कि आपकी गर्दन भी सीधे पोस्चर में हो.

5) अब आप बार उठाने के लिए तैयार हैं. ऊपर की ओर पुश करें और देखें कि लिफ्ट की अवधि के दौरान बारबेल आपके पैरों को पूरे समय छू रही है. जब आप लिफ्ट के टॉप पर हों, तो अपने कूल्हों को बारबेल की ओर आगे की ओर धकेलें और अपने ग्लूट्स और छाती की मांसपेशियों को स्क्वीज करें.

6) उसी रिवर्स मोशन में बारबेल को पकड़ें और धीरे-धीरे नीचे करें.

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कई लोग जो डेडलिफ्ट से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए अक्सर अपने कूल्हों को लिफ्ट के टॉप ओवरएक्सटेंड कर देते हैं. इस उम्मीद में कि यह उन्हें गति की बेहतर रेंज और लचीलेपन में बढ़ोतरी करेगा. लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार इससे नुकसान हो सकते हैं.

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि Indian News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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