Indian News : नई दिल्ली | राजधानी दिल्ली के बेगमपुर में सोमवार को डीटीसी एक कंडक्टर ने संपत्ति नाम नहीं करने पर अपनी पत्नी को केरोसिन छिड़ककर जिंदा जला दिया। मृतक महिला एमसीडी स्कूल में शिक्षिका थी। आरोपी ने गैस लाइन में रिसाव बताकर हत्या को हादसे का रूप देना चाहा, लेकिन दंपती की 12 साल की बेटी की गवाही से घटनाक्रम का खुलासा हो गया। कंझावला निवासी ज्योति की शादी वर्ष 2009 में झज्जर निवासी राजवीर से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ज्योति एमसीडी के स्कूल में शिक्षिका के तौर पर चयनित हो गई। परिवार जैन नगर स्थित मकान में रहता था। ज्योति के भाई आशीष ने बताया कि वह पोलियोग्रस्त थी। दंपती को 12 साल और डेढ़ साल की दो बेटियां हैं। आशीष के अनुसार, राजवीर शादी के समय डीटीसी में कंडक्टर था, लेकिन वह शायद ही कभी काम पर जाता था।
उसने ज्योति का एटीएम कार्ड आदि भी अपने पास रख लिया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजवीर अक्सर पत्नी और बच्चों की पिटाई करता था। वह चाहता था कि ज्योति ने जो संपत्ति अपने नाम पर खरीदी है, वह उसके नाम पर कर दे। उसने गुरुवार को ज्योति को उसके मायके वालों के सामने ही जान से मारने की धमकी दी थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोमवार सुबह करीब 7 बजे राजवीर ने ज्योति पर केरोसिन छिड़क कर आग लगा दी। पोलियोग्रस्त होने की वजह से वह भाग भी नहीं पाई। आग की लपटों में घिरने के बाद वह शोर मचाने लगी तो दोनों बच्चे भी उठ गए। मां को बचाने के दौरान 12 वर्षीय बेटी अविका और डेढ़ साल की अंशु भी झुलस गई।
आग की लपटों में घिरा राजवीर बाहर दौड़ता हुआ आया और लोगों से कहा कि आईजीएल पाइपलाइन में रिसाव से आग लग गई है। दमकल की दो गाड़ियों ने आग पर काबू पाया और सभी घायलों को महाराजा अग्रसेन अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक ज्योति की मौत हो चुकी थी। दोनों बेटियों की हालत खतरे से बाहर है, लेकिन आरोपी राजवीर 40 फीसदी तक झुलस गया है, इसलिए वह अस्पताल में भर्ती है। वहीं, पुलिस ने अविका से पूछताछ की तो उसने पूरी कहानी बता दी। पुलिस ने महिला का शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है, जिसके बाद शाम को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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