Indian News : रांची । इडी ने आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल को मनी लाउंड्रिंग के आरोप में बुधवार की देर शाम में गिरफ्तार कर लिया. इडी द्वारा गिरफ्तार की जानेवाली वह झारखंड की पहली आइएएस अधिकारी हैं. गिरफ्तारी की वजह उनके द्वारा आइसीआइसीआइ के खाते में जमा नकद करीब एक करोड़ रुपये की राशि का हिसाब देने में असमर्थ होना है. गिरफ्तारी के बाद उन्हें इडी के विशेष जज पीके शर्मा के समक्ष पेश किया गया।
इडी ने 12 दिन की रिमांड मांगी, पर कोर्ट ने पांच दिन की रिमांड दी. इसके बाद पूजा सिंघल को केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया गया. इस बीच मनरेगा घोटाले में इडी की कार्रवाई के मद्देनजर केंद्र ने मामले में पूरी रिपोर्ट मांगी है. सीए सुमन कुमार से पूछताछ के दौरान मिली सूचना पर इडी ने कोलकाता में भी बिल्डर के ठिकानों पर छापा मारा।
बैंक खातों की जांच में होता गया खुलासा- खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले की जांच के दौरान इडी ने विभिन्न बैंकों से पूजा सिंघल के बैंक खातों और उसमें जमा राशि का ब्योरा मांगा था. बैंकों से मिली जानकारी के विश्लेषण के बाद इडी ने यह पाया कि उनके आइसीआइसीआइ बैंक के खाते में एक करोड़ रुपये नकद जमा हुए थे. इस जमा राशि में उन्होंने 80.48 लाख की लागत पर 13 बीमा पॉलिसी खरीदी थी।
इसके बाद सीए सुमन कुमार व उससे संबंधित खातों में पैसा ट्रांसफर किया. उन्होंने 26 मई 2015 को सुमन कुमार के खाते में 3.96 लाख रुपये ट्रांसफर किये. सुमन और उसके पिता की साझेदारीवाली कंपनी संतोष क्रशर मेटल के खाते में 6.39 लाख और राधेश्याम एक्सप्लोसिव प्राइवेट लिमिटेड के खाते में 6.22 लाख रुपये ट्रांसफर किये. इडी ने 10 मई को पूछताछ के दौरान उनसे उनके बैंक खातों में जमा नकद राशि से संबंधित सवाल पूछे थे।
साथ ही उनके खातों में नकद राशि जमा करनेवालों का ब्योरा मांगा था. 10 मई को पूजा सिंघल ने तत्काल इसका ब्योरा देने में असमर्थता जतायी थी. उन्हें इसी मुद्दे पर अपना पक्ष पेश करने के लिए 11 मई का समय दिया गया था. 11 मई को करीब 10.30 बजे वह इडी कार्यालय में हाजिर हुईं. उनसे लंबी पूछताछ की गयी. हालांकि वह बैंक खाते में जमा नकद राशि का ब्योरा देने में असमर्थ रहीं. फिर इडी ने उन्हें करीब 5.30 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
2008-09 और 2009-10 में खूंटी में हुआ मनरेगा घोटालापू, जा सिंघल 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक खूंटी में डीसी थीं। पूजा ने इंजीनियर को मनरेगा के लिए 18.06 करोड़ अग्रिम दिये। बिना काम पैसों की निकासी के बाद 2011 में खूंटी और अड़की थाने में इंजीनियर राम विनोद सिन्हा और आरके जैन के खिलाफ प्राथमिकी जुलाई 2011 में संबंधित मामला निगरानी में दर्ज किया गया।
18.5.2012 को इडी ने मनरेगा घोटाले में प्राथमिकी दर्ज की। 28.11.2018 को इंजीनियर ने मनरेगा में 20% कमीशन देने की बात स्वीकार की। छह मई 2022 को इडी ने पूजा सहित अन्य लोगों के ठिकानों पर छापा मारा। इसी मामले में सीए सुमन कुमार को सात मई को गिरफ्तार किया गया। आठ मई को अभिषेक झा से पूछताछ। 10 मई को पूजा सिंघल से इडी ने पूछताछ की। 11 मई को पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया गया। आइसीआइसीआइ बैंक में जमा एक करोड़ का हिसाब नहीं दे पायीं। खूंटी में मनरेगा घोटाले में इडी की कार्रवाई पर केंद्र ने रिपोर्ट मांगी।