Indian News : हथेली पर कई तरह के शुभ और अशुभ निशान, रेखाएं और आकृतियां बनी हुई होती हैं। हर किसी की हथेली पर कुछ ऐसे निशान व रेखाएं होती हैं, जिन्हें बहुत ही शुभ माना जाता है। वहीं कुछ निशान ऐसे भी होते हैं, जिन्हें शुभ नहीं माना जाता है। हस्तरेखा विज्ञान में विवाह की रेखा को विवाह के लिए बहुत आवश्यक माना गया है. हाथ में विवाह रेखा से ना केवल वैवाहिक जीवन का पता लगाया जा सकता है बल्कि विवाह किस उम्र में होगा और जीवनसाथी कैसा होगा, इसका भी अंदाजा लगाया जा सकता है।
हस्तरेखा में बुध पर्वत पर हृदय रेखा और कनिष्ठा उंगली के मूल के बीच की चौड़ाई को 50 माना गया है। इसे आप उम्र भी मान सकते हैं। इसी चौड़ाई वाले भाग पर एक या एक से अधिक खड़ी रेखाएं मिलती हैं जो विवाह रेखाएं कहलाती हैं। इनमें से सबसे लंबी रेखा को ही प्रमुख विवाह रेखा माना गया है और विवाह निर्धारण में इसी पर विचार किया जाता है। यदि आपके हाथ में दो रेखाएं हैं तो इसमें लंबी रेखा को मानेंगे। यदि हृदय रेखा के पास विवाह रेखा बन रही है तो आपकी शादी 20-25 साल की उम्र में हेागी, लेकिन यदि रेखा कनिष्ठा उंगली के पास है तो शादी 25 साल के बाद ही हेागी।
यह स्थिति विवाह में देरी को दर्शाती हैं। कई बार में कनिष्ठा उंगली और हृदय रेखा के पास भी खड़ी रेखाएं हैं तो इसका मतलब है कि रिश्ता तय होने के बाद टूट सकता है। हालांकि इस स्थिति में हृदय रेखा के पास रेखाएं छोटी होनी चाहिए। यदि विवाह रेखा हृदय रेखा की ओर झुके तो जीवनसाथी सपोर्ट और प्यार करने वाला होता है |
लेकिन यदि विवाह रेखा का मुख उंगली की ओर तो जीवनसाथी से सपोर्ट एवं प्यार नहीं मिल पाता। हाथ में एक से अधिक रेखाएं एक से अधिक शादी का संकेत नहीं देती। इसमें से सबसे बड़ी रेखा विवाह की रेखा है। बाकी छोटी-छोटी रेखाएं रिश्ते होने के बावजूद शादी नहीं होने का संकेत देती हैं। हालांकि बुध पर्वत पर विवाह रेखा के आगे चलकर दोमुखी होना दूसरी शादी का संकेत देती है।
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