Indian News : जिंदगी में कई बार शरीर से सही-सलामत लोग भी हालातों से तंग का जाते हैं और हताश हो जाते हैं। जिलोमोल उन लोगों के लिए एक मिसाल हैं जो खुद को दिव्यांग होने पर सारी उम्मीदे खो देते हैं। 28 साल की जिलोमोल मैरिएट थॉमस के हाथ नहीं है फिर भी उसके हौसले बुलंद हैं। वो एशिया की पहली ऐसी महिला है जिनके पास हाथ नहीं है, फिर वो कार ड्राइव करती हैं और उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस है। महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा भी उनकी तारीफ कर चुके हैं। आईए डालते हैं जिलोमोल की जिंदगी पर एक नज़र। 

जिलोमोल के जन्म से ही उनके हाथ नहीं है लेकिन वह घुटनों की मदद से कार चलाने में माहिर हो चुकी हैं। जब उन्होंने खुद कार चलाने की बात की तो परिवार के लोगों ने मना कर दिया। उन्हें अपनी कार खरीदने के लिए घर के लोगों को काफी मनाना पड़ा लेकिन उनके हौंसले के आगे परिवार के लोग भी मान गए।

पढ़ाई में हमेशा आगे रहने वाली जिलोमोल ने ग्राफिक डिजाइन में अपना करियर चुना है। इसके साथ ही उन्हें पेंटिग करना भी खासा पसंद है। वो विकलांग कलाकारों के लिए स्थापित स्टेट माउथ एंड फुट एसोसिएशन की फाउंडिंग मेंबर हैं। उनका कहना है की उनको इस बात की कोई परवाह नहीं है की वो विकलांग हैं। 

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