Indian News : लखनऊ | मशहूर शायर निदा फाजली की एक लाइन है…दुश्मनी लाख सही खत्म न कीजे रिश्ता, दिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिए। उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज कुछ ऐसी ही तस्वीर नजर आई। हाल ही में सम्पन्न हुए यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में सभी जानते हैं कि भाजपा के मुख्यमंत्री चेहरे योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और सपा गठबंधन के नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) में किस तरह तल्ख बयानबाजियों का दौर चला था। चुनाव में दोनों तरफ से रोज वार-पलटवार में लिपटे बयान सुर्खियां बन रहे थे।

चिलमजीवी बाबा से लेकर जिन्ना, माफियावादी, गर्मी शांत करने जैसे बयान खूब चर्चा में रहे। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद अब यूपी विधानसभा में लोकतंत्र की एक उम्मीद भरी खुशगवार तस्वीर सामने आई है। विधायकों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ और नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने जिस तरह से एक-दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत किया, वो चर्चा का विषय बन गया।

चुनाव के दौरान में नेताओं के बीच तल्ख और कई बार मर्यादा की सीमा लांघती बयानबाजियों को राजनीतिक विश्लेषक हमेशा चिंता जताते रहे हैं। कहा जाता रहा है कि नेता समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसे में उन्हें बोलते समय संयम बरतना चाहिए और इस तरह की बयानबाजियों से बचना चाहिए। वैसे राजनीतिक दल और नेता भी दावा जरूर करते हैं कि वे भी इसी सोच से इत्तेफाक रखते हैं लेकिन चुनाव के दौरान जैसे-जैसे मतदान करीब आने लगता है|




भाषा की सारी मर्यादाएं टूटने लगती हैं। इस बार के यूपी चुनाव में भी यही देखने को मिला। एक तरफ भाजपा के नेताओं के बयानाें में अब्बाजान, जिन्ना, पाकिस्तान, गजवा-ए-हिंद, माफियावादी शब्द सुनाई पड़ रहे थे। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के नेताओं के बयानों में चिलमजीवी बाबा, सांड, एक रंग वाले आदि बयान सुनाई दे रहे थे। रोज नए विश्लेषण, नए शब्द गढ़ने की नेताओं में होड़ सी दिख रही थी।

लेकिन अब चुनाव खत्म होने के बाद चीजें फिर से सामान्य होने की उम्मीद बंधी है। इन्हीं नेताओं ने सकारात्मक सियासत का संदेश देना शुरू किया है। अपने बयानों और एक्शन से नेता ये एहसास कराने की कोशिश कर रहे हैं कि चुनाव के दौरान बयान सिर्फ ‘चुनावी’ ही थे, वे सकारात्मक रूप से एक दूसरे का सम्मान करते हुए सेवा करने की सोच रखते हैं। इसी क्रम में पहली तस्वीर लखनऊ से आई। अपने नए विधायकों से मीटिंग करने लखनऊ पहुंचे आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने पार्टी नेताओं के साथ कुल्फी खाते एक तस्वीर साझा की, जिसके साथ उन्होंने लिखा, “बस अब बहुत हुई गर्मी की बात, खाई लखनऊ की क़ुल्फ़ी साथ साथ!” जयंत के इस बयान को चुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ के गर्मी शांत करने के बयान से जोड़कर देखा गया। दरअसल चुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ के गर्मी ठंडा करने वाला बयान पर आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने बाबा को ठंड लग गई है कहकर जवाब दिया था।

अब सोमवार को विधानसभा में लोकतंत्र का खूबसूरत नजारा देखने को मिला। दरअसल यूपी विधानसभा में सभी नए सदस्यों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम चल रहा है। प्रदेश भर के विधायक यहां पहुंचे हैं। दो दिन तक चलने वाले इस शपथ ग्रहण कार्यक्रम को लेकर पूरी विधानसभा में गर्मजोशी दिख रही है। इसी बीच सोमवार को सीएम योगी आदित्यनाथ और नेता विरोधी दल अखिलेश यादव आमने-सामने आए तो दाेनों एक दूसरे को देख मुस्कुराए। फिर दोनों ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव की पीठ भी थपथपाई। दरअसल योगी आदित्यनाथ, जब विधायक पद की शपथ लेने के लिए आगे बढ़ रहे थे तो अखिलेश यादव खुद अपनी सीट से उठे और आगे बढ़कर उन्होंने सीएम योगी से हाथ मिलाया। इस दौरान अखिलेश यादव कुछ कहते भी दिखे इस पर योगी हंसने लगे। यही नहीं जब शपथ लेने की बारी अखिलेश यादव की आई तो योगी भी अपनी सीट पर खड़े हुए। इस दौरान अखिलेश यादव ने हाथ जोड़कर उनको धन्यवाद दिया।

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