Indian News : ‘मां मैं तो बेटा था तुम्हारा। जिसे नौ माह तक कोख में पाला। मैं एक घंटे का भी नहीं हुआ था। दूध की एक बूंद भी नहीं पिलाई। अपने सीने से भी नहीं लगाया। झाड़ियों में क्यों फेंक गई मुझे मां, मरने के लिए। वो भी पन्नी में लपेटकर। डॉक्टर अंकल बोल रहे थे, पहले कुछ सफेद-सफेद पिलाया। मां वो दूध तो नहीं था। क्या था मां। यदि फेंकना था और मारना था तो जन्म क्यों दिया मां।
सुना है मां, संसार सबसे बड़ा दर्जा तुझे ही दिया जाता है। तुने ऐसा क्यों किया मां। मैं जिंदगी मौत की जंग लड़ रहा हूं अस्पताल में। क्या मुझसे मिलने आओगी क्या? एक बार तो देख लो मुझे आकर। डॉक्टर अंकल बोल रहे थे 50-50 चांस है।’
कुछ ऐसा ही दर्द उस नवजात का है, जिसे सहारनपुर में एक कलयुगी मां एक घंटे के बाद ही पॉलीथिन में लपेट कर मरने के लिए झाड़ियों में फेंक गई।
पुलिस वाली आंटी ने मुझे गोद में लिया। मुझे लगा मेरी मां ने गोद लिया है। मैं उसके आंचल में अपने मां को ढूंढ रहा था। लेकिन, कुछ देर बाद ही पता चल गया कि वह तो मेरी मां नहीं है। हां, लग रहा था मेरी मां जैसी।’
आखिर मेरा क्या कसूर था….
‘मां मुझे इतना बता दे आखिर मेरा कसूर क्या था? मुझे इतना बड़ा दंड तूने क्यों दिया। मैं जानता हूं कि इतना बड़ा कदम तूने ऐसे ही नहीं उठाया होगा। तुझे या तो लोकलाज का भय होगा या फिर तुझे किसी ने मजबूर किया होगा। अब तक सुना था बेटियां कोख में मारी जाती हैं, या फिर इस तरह से फेंक दी जाती हैं। जैसे मुझे फेंका है मां तूने। मुझे किस बात का दंड मिला है।
लेकिन, मां अभी मेरी सांस चल रही है। जीवित रहूंगा तब तक तेरा कर्जदार रहूंगा। क्योंकि तूने मुझे जन्म दिया है। ये दुनिया वाले मुझे बदनसीब कह रहे हैं और कहेंगे। पैदा होते ही आखिर मैंने ऐसा कौन-सा गुनाह कर दिया जो तू मुझसे नाराज हो गई। तुझसे सवाल तो बहुत हैं, लेकिन मैं इस लायक भी नहीं कि तुझे अपनी नाराजगी बयां कर सकूं। खैर..कोई बात नहीं… मां तू हमेशा खुश रहे। ऐसी मैं ईश्वर से दुआ करता हूं।’
झाड़ियों में मिला नवजात
सहारनपुर के थाना गागलहेड़ी के गांव उग्राहू के पास झाड़ियों से एक नवजात मिला है। अभी उसकी नाल भी नहीं कटी थी। जन्म देते ही नवजात को पॉलीथिन में लपेट कर फेंका होगा। गांव के नरेंद्र ने नवजात को देखा और पुलिस को सूचना दी।
इंस्पेक्टर सुनील नेगी पहुंचे और बच्चे को उठाया और हरी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। नवजात गंभीर है। चिकित्सक उसके 50-50% चांस बता रहे हैं। क्योंकि इन्फेक्शन ज्यादा है। नवजात ICU में है।