Indian News : बेंगलुरु | कर्नाटक सरकार ने प्राइवट नौकरियों में स्थानीय लोगों को 100% आरक्षण के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसके बाद प्रदेश की IT कंपनियों ने राहत की सांस ली है। सिद्धारमैया कैबिनेट ने प्राइवेट सेक्टर की C और D कैटेगरी की नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने का फैसला किया था।
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मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, निजी क्षेत्र के संगठनों, उद्योगों और उद्यमों में कन्नडिगाओं के लिए आरक्षण देने के लिए कैबिनेट द्वारा अनुमोदित विधेयक को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। आने वाले दिनों में इस पर फिर से विचार किया जाएगा और निर्णय लिया जाएगा। दरअसल, कर्नाटक की कैबिनेट ने एक बिल को मंजूरी दी थी, जिसके कानून बन जाने पर कर्नाटक में निजी क्षेत्र में लोकल लोगों के लिए 100 फीसदी आरक्षण हो जाता। यानी अगर वहां किसी कंपनी को ग्रुप सी और डी की भर्तियां करनी होतीं, तो सिर्फ लोकल लोगों ही मौका देना पड़ता।
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कंपनियों ने जताया था विरोध
बता दें कि नौकरियों में स्थानीय लोगों को 100% आरक्षण देने वाले बिल को सिद्धारमैया कैबिनेट ने पास कर दिया था, 18 जुलाई को इसे विधानसभा की पटल पर रखा जाना था लेकिन उससे पहले ही राज्य की कंपनियों ने इसका विरोध कर दिया। कंपनियों का कहना था कि इस बिल से भेदभाव बढ़ेगा और कंपनियों को नुकसान हो सकता है।
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