Indian News : नईदिल्ली । व्लादिमीर पुतिन दुनिया में बीते कुछ वक्त से इस नाम की चर्चा सबसे ज्यादा है। जो रूस के राष्ट्रपति हैं और करीब तीन दशकों से वहां की सत्ता में सर्वोच्च स्थान पर बने हुए हैं। लेकिन अब वह रूस से बाहर दुनिया भर में चर्चा का विषय बने हुए हैं। यूक्रेन पर हमले के बाद तीसरे वर्ल्ड वॉर तक की आशंका जताई जा रही है और इसके केंद्र में व्लादिमीर पुतिन ही हैं। इन दिनों दुनिया उनके हर कदम पर नजर बनाए हुए हैं। अपनी शुरुआती जिंदगी में वह रूसी खुफिया एजेंसी केजीबी के अफसर थे।
कैसे रूस की सत्ता में मिली पुतिन को एंट्री – व्लादिमीर पुतिन का जन्म 1952 में सेंट पीटर्सबर्ग में हुआ था। 1975 में महज 23 साल की उम्र में वह खुफिया एजेंसी केजीबी से जुड़े थे और 1990 तक अधिकारी के तौर पर काम किया। सोवियत संघ के विघटन के बाद उन्हें रूस की केंद्र सरकार ने नौकरी पर रख लिया था। इसी दौरान उनकी सत्ता में पैठ बढ़ती गई। 1999 में तत्कालीन राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने उन्हें एक साल के लिए अपनी सरकार में पीएम पद सौंपा था। इसके बाद 2000 में वह राष्ट्रपति बन गए और तब से ही इस पद पर बने हुए हैं।
क्यों व्लादिमीर पुतिन से घबराता है यूरोप – तेल और गैस की आपूर्ति के लिए यूरोप के तमाम देश रूस पर ही निर्भर हैं। इसके चलते यूरोप में पुतिन का बहुत जबरदस्त प्रभाव है। रूस की कंपनी गैजप्रोम यूरोपियन यूनियन को गैस और तेल की आपूर्ति करने वाली कंपनियों में टॉप पर है। रूस में एक व्यक्ति दो बार ही लगातार राष्ट्रपति बन सकता है।
इसकी काट के लिए उन्होंने कुछ वक्त पीएम दिमित्रि मेदवेदेव को राष्ट्रपति बना दिया था और फिर खुद उसी पद पर लौट आए। पुतिन को 2012 में दूसरी बार राष्ट्रपति चुना गया था। इसके दो साल बाद ही उन्होंने क्रीमिया को रूस में शामिल कर लिया था। अब करीब 8 साल बाद उन्होंने यूक्रेन पर अटैक का आदेश दे दिया है।
पुतिन पर लगा था अमेरिकी चुनाव में दखल का आरोप – व्लादिमीर पुतिन का दुनिया में कितना प्रभाव है। इसे इस बात से समझा जा सकता है कि वर्ष 2013 और 2016 में उन्हें दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स चुना गया था। यही नहीं 2017 में तो उन पर अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में भी दखल देने का आरोप लगा था। तब डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता मिली थी। हालांकि पुतिन और ट्रंप दोनों ने ही इन आरोपों को खारिज कर दिया था। इस बीच पुतिन 2018 में चौथी बार रूस के राष्ट्रपति चुन लिए गए थे।