Indian News : CrPC को हम हिंदी में दंड प्रक्रिया संहिता के नाम से जानते हैं. सीआरपीसी (Code of Criminal Procedure) में पुलिसिंग से संबंधित जानकारी के अलावा कोर्ट (Court), जज (Judge) और मजिस्ट्रेट (Magistrate) से संबंधित जानकारी मिलती है. सीआरपीसी की धारा 19 भी एक मजिस्ट्रेट से संबंधित है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 19 (Section 19) क्या जानकारी देती है?

दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 19 (Section 19)

Code of Criminal Procedure यानी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 19 (Section 19) का संदर्भ महानगर मजिस्ट्रेटों का अधीनस्थ होना है. या आम भाषा में कहें तो सीआरपीसी की यह धारा बताती है कि महानगर मजिस्ट्रेट (Metropolitan Magistrate) किसके अधीन (Subordinate) होते हैं.




(1) मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (Chief Metropolitan Magistrate) और प्रत्येक अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (Additional Chief Metropolitan Magistrate) सेशन न्यायाधीश (Sessions Judge) के अधीनस्थ होगा और प्रत्येक अन्य महानगर मजिस्ट्रेट (Metropolitan Magistrate) सेशन न्यायाधीश के साधारण नियंत्रण (Simple controls) के अधीन (Subordinate) रहते हुए मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (Chief Metropolitan Magistrate) के अधीनस्थ होगा.

(2) हाई कोर्ट, इस संहिता के प्रयोजनों (Purposes) के लिए परिनिश्चित (Defined) कर सकेगा कि अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (Additional Chief Metropolitan Magistrate) किस विस्तार तक, यदि कोई हो, मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (Chief Metropolitan Magistrate) के अधीनस्थ होगा.

(3) मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (Chief Metropolitan Magistrate) महानगर मजिस्ट्रेटों (Metropolitan Magistrate) में कार्य के वितरण के बारे में और अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट ((Additional Chief Metropolitan Magistrate) को कार्य के आवंटन के बारे में, समय-समय पर, इस संहिता से संगत नियम (Rules) बना सकेगा या या विशेष आदेश (Special orders) दे सकेगा.

क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)

सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में ‘दंड प्रक्रिया संहिता’ कहा जाता है. दंड प्रिक्रिया संहिता यानी CrPC में 37 अध्याय हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं आती हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC

सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन भी किए गए है

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