Indian News : दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) में अदालत (Court) और प्रशासन (Administration) से जुड़ी प्रक्रिया और उनसे जुड़े प्रावधान (Provision) मौजूद हैं. सीआरपीसी (CrPC) की धारा 22 (Section 22) कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Executive Magistrate) और उनकी अधिकारिता से संबंधित है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 22 (Section 22) क्या बताती है?

सीआरपीसी की धारा 22 (CrPC Section 22)

Code of Criminal Procedure यानी दंड प्रक्रिया संहिता में धारा 22 (Section 22) कार्यपालक मजिस्ट्रेट की स्थानीयधिकारिता (Local Jurisdiction of Executive Magistrate) से संबंधित (Related) और ये उसे परिभाषित (Defined) करती नजर आती है.




(1) राज्य सरकार (State Government) के नियंत्रण के अधीन रहते हुए जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate), समय-समय पर, उन क्षेत्रों की स्थानीय सीमाएं (Local Limits) परिनिश्चित (Define) कर सकता है, जिनके अंदर कार्यपालक मजिस्ट्रेट (Executive Magistrate) उन सब शक्तियों (Powers) का या उनमें से किन्हीं का प्रयोग कर सकेंगे, जो इस संहिता के अधीन उनमें निहित की जाएं.

(2) ऐसे परिनिश्चय (Definition) द्वारा जैसा उपबंधित है उनके सिवाय, प्रत्येक ऐसे मजिस्ट्रेट (Magistrate) की अधिकारिता (Jurisdiction)  और शक्तियों (Powers) का विस्तार जिले में सर्वत्र (Throughout) होगा.

क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)

सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में ‘दंड प्रक्रिया संहिता’ कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC

सीआरपीसी के लिए 1973 में में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन भी किए गए है.

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