Indian News : आप सभी कभी ना कभी अपने गांव जरूर गए होंगे और आपने वहां कुआं जरूर देखा होगा. अगर नहीं तो कम से कम किसी ना किसी फिल्म में तो आपने कोई कुआं जरूर देखा ही होगा. आपने शायद कुएं से पानी भी निकाला हो, लेकिन क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है कि आखिर कुएं का आकार गोल ही क्यों होता हैं? आप चाहें देश के किसी भी कोने में चले जाएं, आपको कुएं का आकार गोल ही देखने को मिलेगा. आपने शायद ही कभी कोई चौकोर कुआं देखा हो, लेकिन अधिकतर कुएं गोल आकार के ही बने होते हैं. 

अगर आप इसके बारे में नहीं जानते तो आइये आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं. कुएं का आकार ऐसे ही गोल नहीं होता बल्कि इसके पीछे भी विज्ञान छुपा है. साइंटिफिक कारणों की वजह से ही कुएं को गोलाकार बनाया जाता है, जिसके कई फायदे हैं.

गोलाकार कुएं होते हैं मजबूत





दरअसल, गोल कुएं अन्य कुओं की तुलना में काफी मजबूत होते हैं. गोल कुएं में कोई भी कोर्नर नहीं होता है, जिस कारण पीना का प्रेशर कुएं में हर तरफ एक समान पड़ता है. वहीं अगर कुआं चोकोर आकार का बनाया जाए तो सिर्फ प्रेशर सिर्फ चारों कोनों पर लगेगा. जिस कारण कुआं ज्यादा दिन नहीं चल पाएगा और साथ ही इसके ढहने का खतरा भी काफी ज्यादा बढ़ जाएंगा.ऐसे में कुएं को ज्यादा दिन तक चलाने के लिए और लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने के लिए इसे गोलाकार बनाया जाता है.

बता दें कि जब हम किसी भी तरल पदार्थ को स्टोर करते हैं तो उसके अंदर का प्रेशर उसकी दीवारों पर पड़ता है, जिसमें उसे स्टोर किया जाता है. ऐसी स्थिति में चोकोर कुएं की बजाय गोल कुआं ज्यादा प्रेशर झेल पाता है.

कुएं को गोल बनाने की वजह ये भी है कि इससे कई सालों तक कुआं धंसता नहीं है. यह भी प्रेशर की वजह से होता है और गोल कुआं बनाने से मिट्टी के धंसने की गुंजाइश काफी कम हो जाती है.

ड्रिल करने में होती है आसानी


गोल कुआं बनाना काफी आसान होता है क्योंकि कुएं को ड्रिल करके बनाया जाता है और अगर आप गोल शेप में ड्रिल करते हैं तो यह काफी आसानी से हो जाता है. वहीं, अगर चोकोर आकार के कुएं को खोदने की बात करें, तो इसमें काफी मुश्किल आती है, जिस वजह से कुएं को गोल शेप में ही ड्रिल किया जाता है.

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