Indian News :  लोग माता-पिता से पहले इंसान होते हैं और इसमें कोई दोराय नहीं कि इंसान गलती का पुतला है. माता-पिता (Parents) की भी ऐसी कुछ गलतियां या कहें बुरी आदतें (Bad Habits) हैं जो बच्चों पर नकारात्मक असर डालती हैं. इन आदतों की वजह से बच्चों के विकास पर असर पड़ता है और बच्चों में जिद्दीपन, संकोच, गुस्सा और डर आदि दिखने लगता है. ऐसे में पैरेंट्स को कोशिश करनी चाहिए कि वे अपनी इन आदतों को समय रहते सुधार लें. जानिए ये कौनसी आदते हैं जिन्हें बदलना जरूरी है. 

माता-पिता की बुरी आदतें 

बिना बात के गुस्सा और चिल्लाना 


बच्चे गलती करते हैं तो माता-पिता का गुस्सा करना जायज है लेकिन बिना किसी बात के बच्चों पर गुस्सा करना या चिल्लाना उनपर बुरा असर डाल सकता है. साथ ही, कहीं और का गुस्सा (Anger) अपने बच्चों पर आकर उतारना भी बच्चों को प्रभावित करता है. ऐसे में माता-पिता को संयम से काम लेना सीखना चाहिए. इस बात का भी ध्यान रखें जो आप गुस्से में बोलते हैं उससे बच्चों का नाजुक मन-मस्तिष्क बुरी तरह प्रभावित होता है इसलिए अपनी बातों पर कंट्रोल रखना भी आपको सीखना होगा. 


आलोचना करते रहना 


बच्चा कुछ भी अच्छा करता है तब भी यह कहना कि जाओ इससे ज्यादा अच्छा करके दिखाओ, आलोचना से कम नहीं है. बच्चे को गलती होने पर समझाना जरूरी है क्योंकि उसमें दुनिया की वो समझ नहीं है जो आपके पास है. इसी तरह उसके अच्छे कामों की सराहना करें जिससे उसमें आगे बढ़ने का हौंसला आए. स्ट्रिक्ट बनने के चक्कर में बच्चे को जीवनभर के लिए संकोची ना बनाएं. 

बच्चों की तुलना 


भारतीय घरों में यह खूब देखा जाता है कि माता-पिता हर काम के लिए, हर बात पर ही अपने बच्चों (Children) की तुलना दूसरे बच्चों से करने लगते हैं. इतना ही नहीं वे मेहमानों के घर आने पर भी उनके बच्चों को अपने बच्चों से अच्छा कहने लगते हैं. इसे बच्चों के मन पर तो चोट लगती ही है साथ ही वे खुदको बाकियों से कमतर समझने लगते हैं और स्कूल, कॉलेज और जिंदगी के हर पड़ाव पर आत्मविश्वास महसूस नहीं कर पाते. 


बच्चे की निजता का कोई सम्मान ना होना 

सुनने में थोड़ा अटपटा लग सकता है लेकिन माता-पिता जाने-अनजाने अपने बच्चे की निजता का कोई सम्मान नहीं करते. बच्चों की हर छोटी-बड़ी एक्टिविटी को सोशल मीडिया पर डालना, बच्चों की परेशानियों को भरी सभा में सबसे बांटना या फिर बच्चों की किसी दिक्कत को मजाक के रूप में सबको बताना और बच्चे को हंसी का पात्र बनाना ऐसी ही कुछ बातें हैं जो बच्चे को बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं. 


बच्चों के सामने दूसरों को बुरा भला कहना 


आपको शायद अपनी यह आदत जायज लगती हो लेकिन बच्चों के सामने हर समय दूसरों की बुराई करना और बुराई करते हुए भाषा या अपने द्वारा कहे गए शब्दों पर ध्यान ना देना बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव (Negative Effect) डालता है. यह बच्चों में चुगली और लड़ाई-झगड़े की आदतों को बढ़ावा देता है, साथ ही बच्चों के व्यवहार में नेगेटिविटी दिखने लगती है. 

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