Indian News : बरेली | बरेली की एक विशेष अदालत ने दलित किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के लगभग 10 वर्ष पुराने मामले में तीन लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 75-75 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। शासकीय अधिवक्ता सुभव कुमार मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि एक किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद विशेष न्यायाधीश (यौन अपराधों से बच्चों को संरक्षण अधिनियम) राम दयाल ने सोमवार को तीन आरोपी- दीपक, हरिओम और राजकुमार, को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और तीनों पर 75-75 हजार रुपये अर्थदंड लगाया।
अदालत ने जुर्माने की राशि में से आधी राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है। अधिवक्ता मिश्रा ने बताया कि घटना थाना फतेहगंज पश्चिम की है। पीड़िता के पिता ने अनुसूचित जाति-जनजाति निवारण अधिनियम (एससी-एसटी एक्ट) और दुष्कर्म के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया कि 13 मई 2014 को दोपहर दो बजे जब उनकी बेटी घर पर अकेली थी तभी अभियुक्त दीपक (32), हरिओम (34) और राजकुमार (35) उसे बहला फुसला कर दिल्ली ले गए। पुलिस ने तीन माह बाद पीड़िता को ढूढ़ निकाला। उसने पुलिस को बताया कि तीनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। अदालत ने सोमवार को सुनवाई पूरी करने के बाद तीनों को सजा सुनाई।
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