Indian News : इंदौर । हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा या माघी पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन दान व पवित्र नदियों में स्नान की परंपरा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन सत्संग और कल्पवास कर पुण्य लाभ मिलता है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। माघी पूर्णिमा 16 फरवरी को शोभन योग की साक्षी में आ रही है। शोभन योग शुभता का प्रतीक है।

माघी पूर्णिमा को डांडा रोपिणी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन शहर में अनेक स्थानों पर होली का डांडा स्थापित करने का विधान है। इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि माघ मास भगवान श्रीकृष्ण की आराधना का महीना है। माघ मास में पूरे माह तीर्थ स्नान का विशेष महत्व है। अगर श्रद्धालु अब तक तीर्थ स्नान नहीं कर पाए हैं, तो माघी पूर्णिमा पर स्नान कर धर्मलाभ ले सकते हैं। पूर्णिमा पर तीर्थ स्नान करने से पूरे माह स्नान का फल प्राप्त होता है।

पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि माघ पूर्णिमा माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 15 फरवरी, मंगलवार को रात 09 बजकर 42 मिनट पर प्रारंभ हो रही है,जो कि 16 फरवरी, बुधवार को रात 01 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी। माघ पूर्णिमा 16 फरवरी को मनाी जाएगी। इस दिन ही दान, स्नान व व्रत रखा जाएगा।




इस बार माघी पूर्णिमा बुधवार के दिन अश्लेषा नक्षत्र में शोभन योग के साथ आ रही है। इस योग में स्नान दान का विशेष महत्व है। इस दिन मांगलिक कार्यों में आ रहे अवरोध को दूर करने तथा अर्थ प्राप्ति के लिए विशेष अनुष्ठान करने से भी सफलता प्राप्ति के प्रबल योग हैं।

माता लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न

माघ पूर्णिमा की रात चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष दूर होता है। इस दिन रात को धन एवं वैभव की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा है। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पूजा स्थल को साफ करना चाहिए। माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने के बाद उन्हें सफेद मिठाई का भोग लगाना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से घर में सुख-शांति एवं समृद्धि आती है।

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