Indian News : ऑस्ट्रेलिया के घने जंगलों में जादूई मशरूम की एक अनोखी प्रजाति का पता लगा है. क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के फंगल जेनेटिक्स रिसर्चर डॉ एलिस्टेयर मैकटैगर्ट (Dr Alistair McTaggart) ने हाल ही में रहस्यमय मशरूम की खोज की है

उन्हें यह मशरूम तब मिला, जब वह ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी क्षेत्र में काकाडू और लिचफील्ड नेशनल पार्क (Kakadu and Litchfield National Parks) से लिए गए मिट्टी के नमूनों की जांच कर रहे थे.

मिट्टी के नमूनों की जांच करते हुए, उन्होंने एक साइलोसाइबे (Psilocybe) फंगस के डीएनए सीक्वेंस (DNA sequence) मिले, जिन्हें पहले कभी देखा नहीं गया था. पहले की अज्ञात प्रजातियां जीनस साइलोसाइबे से जुड़ी हैं और इसमें ऐसे जीन शामिल हैं, जिससे ये साफ है कि यह मशरूम की 200-विषम प्रजातियों में से एक है. यह प्राकृतिक तौर पर एक साइकेडेलिक कंपाउंड (Psychedelic Compound) साइलोसाइबिन (psilocybin) बनाते हैं. 




हालांकि, मिट्टी में मशरूम के केवल माइक्रोबियल ट्रेस पाए गए थे, इसलिए इसकी उपस्थिति और ये कैसे दिखते हैं, ये अभी एक रहस्य है. इसके आनुवंशिक स्वरूप को देखते हुए, डॉ मैकटैगार्ट का मानना ​​है कि काकाडू का खोया हुआ जादुई मशरूम साइलोसाइबे ब्रुनेओसिस्टिडिएटा (Psilocybe brunneocystidiata) जैसा हो सकता है. यह साइकेडेलिक मशरूम की एक प्रजाति है जिसकी खोज 1970 के दशक में पापुआ न्यू गिनी (Papua New Guinea) के रेनफॉरेस्ट में की गई थी.

मशरूम की हालिया खोज, जादूई मशरूम, साइलोसाइबे क्यूबेंसिस (Psilocybe cubensis) का अध्ययन करने के लिए एक प्रोजेक्ट के दौरान हुई. साइलोसाइबे क्यूबेंसिस को गोल्ड टॉप भी कहा जाता है. यह मशरूम ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और एशिया के जंगलों में उगता है, लेकिन यह नहीं पता लगा है कि इस प्रजाति कहां से की पैदा हुई .

मैकटैगार्ट का कहना है कि हम ऑस्ट्रेलिया में जादुई मशरूम की बायोडाइवर्सिटी के बारे में नहीं जानते. हम यह भी नहीं जानते कि कितनी प्रजातियां साइलोसाइबिन बनाती हैं. मैजिक मशरूम के जेनेटिक्स का बारीकी से अध्ययन करने पर, वैज्ञानिकों को उन विशेषताओं का पता लगेगा जो साइकेडेलिक उपचार में मदददगार साबित हो सकती हैं. रिसर्च बताती है कि साइकेडेलिक मशरूम  मानसिक स्वास्थ्य और डिप्रेशन के लिए एक प्रभावी उपचार हो सकता है

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