Indian News : नई दिल्ली | कोरोना का मार अभी तक दुनिया झेल ही रहा है कि अब विदेश के बाद भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आने के बाद से ही देशभर में दशहत का माहौल बन गया है. इस दौरान एम्स के एडिशनल प्रोफेसर पीयूष रंजन ने मंकीपॉक्स के बारे में कुछ नए फैक्ट्स सामने रखे हैं. प्रोफेसर पीयूष के मुताबिक मंकीपॉक्स के लक्षण स्मॉलपॉक्स और चिकनपॉक्स जैसे हैं.
शरीर देगा ऐसे संकेत
शुरुआत में, रोगी को बुखार होगा. 1से 5 दिनों के बाद रोगी का चेहरा, हथेलियों और तलवों पर चकत्ते दिखाई दे सकते हैं. उन्हें कॉर्निया में रैशेज हो सकते हैं जिससे अंधापन हो सकता हैं.
केंद्र ने जारी की गाइडलाइन
गौरतलब है कि पहला मामला सामने आने के बाद शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भेजी गई 4 एक्सपर्ट की टीम केरल का दौरा कर रही हैं. जहां मंकीपॉक्स का पहला केस मिला था. सरकार ने फिर से गाइडलाइन्स जारी की हैं, ये वही गाइडलाइन्स हैं जो 31 मई को जारी की गई थी.
बच्चों के लिए घातक हो सकता है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स वायरस जानवरों से मनुष्यों में निकट संपर्क से या संक्रमित लोगों के साथ लंबी अवधि के लिए आमने-सामने संपर्क के माध्यम से फैलता है. प्रोफेसर पीयूष के मुताबिक चिंता का कोई कारण नहीं है. क्योंकि मंकीपॉक्स वायरस की संक्रामकता बहुत कम है, हालांकि यह कोविड वायरस की तुलना में बच्चों के लिए घातक हो सकता है.
भारत में सामने आया पहला मामला
उल्लेखनीय है कि केरल में 35 वर्ष के एक व्यक्ति में राज्य सरकार ने मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है. ये व्यक्ति हाल ही में विदेश यात्रा करके लौटा था. नई गाइडलाइन्स के मुताबिक मंकीपॉक्स के केस में जीनोम सिक्वेंसिंग या आरपीसीआर टेस्ट ही कंफर्म माना जाएगा. भारत में मंकीपॉक्स की जांच के लिए 15 लैब तैयार की गई हैं.