Indian news : क्‍या आप इस साल अमरनाथ यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं, तो बता दें कि अमरनाथ तीर्थयात्रियों के लिए ऑनलाइन के बाद अब ऑफलाइन रजिस्‍ट्रेशन भी शुरू हो गया है. इस साल अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हो रही है. अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं. कुछ लोगों को अमरनाथ यात्रा पर जाने की इजाजत नहीं हैं. इसके साथ ही फिजिकली अनफिट लोगों को भी अमरनाथ यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाती है. भारत सरकार ने इस तीर्थयात्रा के लिए सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम किये हैं.

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अमरनाथ स्थित गुफा मंदिर में शिवलिंग के दर्शन के लिए 52 दिवसीय इस तीर्थयात्रा की शुरुआत 29 जून से हो रही है. तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 28 जून को जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से घाटी के लिए रवाना होगा. पिछले साल 4.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने गुफा मंदिर के अंदर बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे. 

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अगर आप भी अमरनाथ यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं, तो रजिस्‍ट्रेशन करा सकते हैं. जम्मू में शुक्रवार को तीन काउंटरों पर ऑफलाइन पंजीकरण शुरू होगा. अधिकारियों ने बताया कि जम्मू रेलवे स्टेशन के निकट सरस्वती धाम में टोकन वितरण केंद्र जिला प्रशासन द्वारा उन तीर्थयात्रियों के लिए स्थापित किया गया है, जो ऑफलाइन मोड में यात्रा के लिए पंजीकरण कराना चाहते हैं.

अमरनाथ यात्रा के लिए शिव भक्तों को अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस समेत पासपोर्ट साइज की फोटो की जरूरत होगी. साथ ही सभी वर्ग आयु के लोगों के लिए स्वास्थ्य सर्टिफिकेट जमा करना भी अनिवार्य होगा. इन दस्तावेजों के साथ निर्धारित शुल्क जमा कर अमरनाथ यात्री अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.

सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) मनु हंसा ने बताया ने बताया कि बृहस्पतिवार से जम्मू के तीन पंजीकरण केंद्रों वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन हॉल में ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू हो जाएगी. पंजीकरण केंद्रों पर केवल उन तीर्थयात्रियों को ही अनुमित होगी, जिनके पास श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड द्वारा जारी टोकन होंगे. उन्‍होंने बताया कि पंजीकरण ​​केंद्र रोजाना सुबह छह बजे खुलेंगे और तब तक बंद नहीं किये जाएंगे जब तक कि दैनिक कोटा पूरा नहीं हो जाता.

अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं. यात्रा पर 70 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति और 13 साल से कम उम्र के बच्चों पर रोक है. ऐसा इसलिए क्योंकि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कई किलोमीटर खतरनाक रास्तों से गुजरना पड़ता है.

अमरनाथ यात्रा के लिए स्थानीय प्रशासन सुरक्षा के कड़े इंतजाम करता है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाती है. साथ ही ड्रोन जैसी तकनीक की सहायता से यात्रा के दौरान चप्पे-चप्पे पर कड़ी निगरानी रखी जाती है.

समुद्रतल से लगभग 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा तक पहुंचने के लिए दो मार्गों से तीर्थयात्री जाते हैं. पहला रास्ता अनंतनाग में 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक नुनवान-पहलगाम मार्ग है. वहीं, दूसरा रास्ता गंदेरबल में 14 किलोमीटर लंबा बालटाल मार्ग है. यह मार्ग छोटा है, लेकिन इसमें खड़ी चढ़ाई है. तीर्थयात्री इनमें से कोई भी रास्‍ता चुन सकते हैं

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