Indian News : बालाघाट जिले में नक्सलियों ने शनिवार को बड़ी घटना को अंजाम दिया. उन्होंने मुखबिरी के शक में एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी. मृतक का नाम लालू धुर्वे बताया जा रहा है. यह घटना मलाजखंड थाना अंतर्गत पाथरी चौकी इलाके में घटी. पुलिस ने युवक का शव बरामद कर लिया है. पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने घटना की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि फिलहाल मामले की पूरी जानकारी नहीं है. जानकारी मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा. इस हत्या की जिम्मेदारी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) मलाजखंड एरिया कमेटी ने ली है. युवक की लाश के साथ इस संगठन के पर्चे भी मिले.
इस पर्चे में साफ लिखा है कि नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी करने पर लालू को मौत की सजा दी है. पर्चे में यह भी लिखा है कि जनयुद्ध को नुकसान न पहुंचाएं. उत्पीड़ित किसान, मेहनतकश बेटी, बेटा छापामार सैनिक हैं. वहीं नक्सलियों ने पाथरी चौकी प्रभारी को भी चेतावनी दी है. उन्होंने चौकी प्रभारी से कहा है कि वह पैसों का लालच देकर और लोगों को धमकाकर मुखबिरी करवाना बंद कर दें. हालांकि, इस जिले का यह कोई ऐसा पहला मामला नहीं है, जब नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर को निशाना बनाया है. इससे पहले भी कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. पहले भी नक्सली पुलिस के कथित नेटवर्क, मुखबिरों की हत्या कर चुके हैं. इस मामले को लेकर पुलिस हमेशा बैकफुट पर रही है और हमेशा यह कहती रही है कि नक्सली बेगुनाह नागरिकों को मारकर अपनी दहशत फैलाना चाहते हैं.
दशकों से दहशत देख रहा जिला
गौरतलब है कि बालाघाट जिला दशकों से नक्सली समस्या से जूझ रहा है. महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सीमा से लगे बालाघाट जिले के परसवाड़ा, बैहर और लांजी क्षेत्र, नक्सली आतंक के साए में ही रहते हैं. अक्सर यहां के जंगलो में नक्सली पैठ बनाने और अपनी उपस्थिति का अहसास कराते हैं. फिलहाल इस घटना की जानकारी के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है. पुलिस ने मामले की जांच के साथ-साथ क्षेत्र में सर्चिंग को और तेज कर दिया है.
नक्सलियों के कब्जे से भाग आया था मृतक
बताया जा रहा है कि मृतक लालू धुर्वे एक बार नक्सलियों के चंगुल से भाग आया था. साल 2020 में ग्राम जगला निवासी लालू धुर्वे और सुरेंद्र धुर्वे का नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था. वे दोनों को गांव से बाहर ले जाकर मौत के घाट उतारना चाहते थे. इस बीच उन्होंने लालू के दोस्त सुरेंद्र धुर्वे की गोली मारकर हत्या कर दी थी, लेकिन दूसरी गोली लालू धुर्वे की कनपटी के पास से निकल गई थी. लालू नक्सलियों को चकमा देकर भाग निकला. लालू 2020 से 2021 तक पाथरी चौकी इलाके में रहा. उसके बाद से वह बालाघाट में रह रहा था. कुछ ही दिन पहले वह गांव जगला आया था.