Indian News : छत्तीसगढ़ के अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा जिले में माओवादियों ने एक बार फिर रेलवे को निशाना बनाया है। मंगलवार की रात किरंदुल-विशाखापट्टनम केके रेल लाइन पर नक्सलियों ने एक मालगाड़ी के इंजन में आग लगा दी है। भांसी रेलवे स्टेशन के पास डेढ़ सौ से अधिक की संख्या में पहुंचे सशस्त्र माओवदियों ने घटना को अंजाम दिया है। नक्सलियों ने पीएम मोदी के नाम पर पर्चे भी फेंके हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार की रात 8.25 बजे राष्ट्रीय खनिज विकास निगम लिमिटेड (एनएमडीसी) के बचेली खदान से ट्रेन नंबर- KMISL- 2/G9 MU लोको नंबर -33400/41553 में लौह अयस्क लेकर कोरापुट के लोको पायल एके पटेल व असिस्टेंट लोको पायल आरके कुमार निकले थे। दंतेवाड़ा जिले के भांसी रेलवे स्टेशन के पास पहुंचे थे कि 150 से ज्यादा नक्सली रेलवे ट्रैक पर दिखाई दिए। माओवादियों ने ट्रैक पर बैनर लगा रखे थे। चालक ने मालगाड़ी को इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोका। जैसे ही मालगाड़ी रुकी नक्सलियों ने दोनों पायलट को बंधक बना लिया। उनसे वॉकी-टॉकी समेत मोबाइल जब्त कर लिया। इसके बाद नक्सलियों ने लोको (इंजन) में आग लगा दी और जंगल की तरफ चले गए। माओवादियों ने भांसी थाना क्षेत्र में घटना को अंजाम दिया है।

नक्सली पर्चे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम




माओवादियों ने जिस क्षेत्र में वारदात को अंजाम दिया है वह अति संवेदनशील इलाका है। इस क्षेत्र में नक्सली कई बार ट्रेन को डिरेल्ड कर चुके हैं। मंगलवार की रात बड़ी संख्या में पहुंचे हथियारबंद नक्सलियों ने आगजनी की घटना को अंजाम देकर पर्चे भी छोड़े हैं। माओवादियों के पश्चिम बस्तर डिविजन कमेटी व भैरमगढ़ एरिया कमेटी ने पर्चे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नया भारत के नाम से देश के किसानों, मजदूरों, आदिवासियों, महिलाओं व मुसलमानों को विनाश करने का आरोप लगाया है। नक्सलियों ने 23-24 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान भी किया है।

भांसी में कई वारदात को अंजाम दे चुके हैं नक्सली

नक्सली वारदात की जानकारी मिलते ही दंतेवाड़ा से डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) के जवानों को मौके पर भेजा गया। नक्सलियों की इस हरकत की वजह से किरंदुल-विशाखापट्टनम मार्ग अभी बाधित है। जल चुके इंजन को हटाने का काम किया जा रहा है। नक्सली इससे पहले भी इसी क्षेत्र में कई बार ट्रेन डिरेल की घटना को अंजाम दे चुके हैं। इससे पहले माओवादियों ने 17 दिसंबर को मालगाड़ी को डिरेल किया था, जिसमें 19 डिब्बे क्षतिग्रस्त हुए थे। वहीं 27 नवंबर को भी नक्सलियों ने पटरी उखाड़ दिया था, जिससे मालगाड़ी डिरेल हुई थी। 40 घंटे बाद यह मार्ग बहाल हुआ था।

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