Indian News : बिहार की सियासत के लिए रविवार का दिन ‘सुपर संडे’ का रहा. 17 महीने से आरजेडी के साथ सरकार चला रहे नीतीश कुमार की राहें अब अलग हैं. नीतीश कुमार ने एक बार फिर से पलटी मारते हुए बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाते हुए 9वीं बार सीएम पद की शपथ ली. राज्य में नई सरकार बनने के बाद अब एनडीए ने आरजेडी के खिलाफ पहला एक्शन लिया है और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है.

Read More>>>Supela अंडर ब्रिज में मिली लाश, जांच में जुटी पुलिस | Chhattisgarh

विधानसभा अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए बीजेपी के नन्दकिशोर यादव ने विधानसभा सचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया हैं. आरजेडी नेता अवध बिहारी चौधरी अगर स्पीकर पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें बहुमत से हटाया जाएगा. स्पीकर के खिलाफ नोटिस देने वाले प्रस्ताव में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व डिप्टी सीएम बीजेपी के तारकिशोर प्रसाद, जेडीयू के विनय कुमार चौधरी, रत्नेश सदा समेत कई और विधायकों के भी हस्ताक्षर हैं.




Indian News के WhatsApp Channel से जुड़े

एनडीए गठबंधन के पास 128 विधायक हैं तो विपक्षी महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं. स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ 128 विधायकों के होने से उनका हटना तय हैं.

आइये जानते है कौन हैं अवध बिहार चौधरी ?

सिवान से विधायक अवध बिहारी चौधरी के पास चार दशक का सियासी अनुभव है. जमीन से जुड़े हुए नेता हैं और सियासी संघर्ष से अपनी राजनीतिक जगह बनाई है. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के अवध बिहार करीबी माने जाते हैं. इसके अलावा उपमुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव से भी उनके करीबी संबंध रहे हैं. 

अवध बिहार चौधरी जनता दल के टिकट पर पहली बार 1985 में सिवान सीट से विधायक बने, लेकिन लालू प्रसाद यादव ने जब आरजेडी का गठन किया तो उनके साथ हो गए. इसके बाद लगातार साल 2005 तक सिवान से विधायक रहे. इस दौरान वो लालू यादव से लेकर राबड़ी देवी तक की अगुवाई वाली सरकार में मंत्री रहे है और अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी को संभाला.

अवध बिहारी चौधरी ने 2014 लोकसभा चुनाव के बाद आरजेडी को छोड़कर जेडीयू का दामन थाम लिया था. ऐसे में जेडीयू ने विधानसभा उपचुनाव के दौरान सिवान सीट से अवध बिहारी चौधरी का टिकट देने के बजाय बबलू चौहान को दिया गया तो उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव लड़ गए. इसके बाद 2017 में जेडीयू छोड़कर फिर से आरजेडी का दामन थाम लिया. ऐसे में आरजेडी ने साल 2020 में सिवान सीट से प्रत्याशी बनाया तो जीत दर्ज कर एक बार विधायक बनने में कामयाब रहे.

नीतीश कुमार ने कही ये बात

इससे पहले अपना इस्तीफा सौंपने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि महागठबंधन में स्थिति … ठीक नहीं थी, इसलिए मैंने यह कदम उठाया. नीतीश कुमार ने कहा, ‘मैं लंबे समय से किसी भी बारे में टिप्पणी नहीं कर रहा हूं क्योंकि महागठबंधन में चीजें सही नहीं थीं. मुझे अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं सहित सभी से राय और सुझाव मिल रहे थे. मैंने उन सभी की बात सुनी और आज इस्तीफा दे दिया’. 

@indiannewsmpcg

Indian News

7415984153

You cannot copy content of this page