Indian News : न्याय की मांग और परिवार को आर्थिक सहायता की गुहार लगा रही अंजलि की नानी ने बताया कि मुझे नहीं पता निधि कौन है। ज्ञात हो कि अंजलि की दुर्घटना की एक मात्र चश्मदीद निधि नाम मीडिया में सामने आया है।

कंझावला स्थित अंजलि के घर और मंगोलपुरी श्मशान घाट पर मंगलवार सुबह से ही बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था। परिजन शव का इंतजार कर रहे थे। युवती की नानी शव के अंतिम दर्शन के लिए कंझावला स्थित अपनी बेटी के घर जा रही थी। उन्होंने बताया कि अंजलि ही परिवार का पेट पालती थी। हमें नहीं पता था कि इस बार जब घर से जाएगी तो कभी नहीं आएगी। अंजलि की मां बीमार है। उसकी दोनों किडनी फेल है। उसकी डायलिसिस चल रही है।


दो बच्चों को मैं पालती हूं। अंजलि हमारे पास रहती थी। यह पूछे जाने पर कि अंजलि की दोस्त निधि कौन है उसने इसके बारे में कभी बताया था, उनका कहना था कि निधि के बारे में मुझे कुछ पता नहीं है। कभी अंजलि ने उसका जिक्र नहीं किया। यह सब तो मुझे कहानी लगती है।




कंझावला स्थित अंजलि का घर उसके आसपास के इलाके मंगलवार को छावनी में तब्दील थी। मुख्य मार्ग से लेकर अंदर गलियों तक बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था। उसके घर के पास दोनों तरफ पुलिस ने रस्सी से बैरिकेडिंग की थी। यहां के लोगों को सड़क पर न निकलने की सख्त हिदायत थी। लोग घरों की छतों पर गलियों के गेट के बाहर झांक रहे थे। यहां किसी तरह की अप्रिय घटना न हो इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस लोगों के घरों की बालकनी और छतों पर मौजूद थी। एंबुलेंस जब शव लेकर परिजन के घर आया, तब भी अचानक भीड़ बढ़ गई और लोग उसे देखने के लिए पहुंचे। एंबुलेंस पर अंजलि को न्याय चाहिए का बैनर लगा दिया गया।

गली से जब शव मुख्य मार्ग पर ले जाया गया तो मंगोलपुरी शवदाह गृह तक ले जाने के लिए मार्ग को लेकर परिजनों व पुलिस के बीच तीखी बहस हुई। परिजनों का कहना था कि हमें नहीं पता किस शवदाह गृह पुलिस शव को लेकर जाएगी, जबकि पुलिस ने शवदाह गृह ले जाने के लिए पहले से रूट तय कर रखा था। पुलिस ने जल्दी से शवदाह गृह पहुंचने के लिए रूट में कई बदलाव किए थे।

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