Indian News : भारत की निकहत जरीन ने तुर्की के इस्तांबुल में महिला विश्व चैंपियनशिप में 52 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीत लिया है। उन्होंने गुरुवार (19 मई) को फ्लाईवेट फाइनल (  final) की जितपोंग जुटामेंस पर जीत हासिल की। फाइनल में अपने थाई प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ उन्होंने शानदार लड़ाई लड़ी और स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वो टूर्नामेंट में स्वर्ण जीतने वाली पांचवीं भारतीय महिला ( first women) बन गईं। उनसे पहले दिग्गज एम सी मैरीकॉम ने 2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018 में खिताब जीते थे।

आपको बता दे कि निकहत पहले दौर में सभी जजों को प्रभावित करने में सफल रहीं। उन्होंने थाई मुक्केबाज की तुलना में कहीं अधिक मुक्के मारे। दूसरा दौर कड़ा था और जितपोंग जुटामेंस ने इसे 3-2 से जीत लिया। फाइनल राउंड में निकहत ने प्रतिद्वंद्वी को बुरी तरह धोया और फैसला उनके पक्ष में सर्वसम्मति (5-0) से आया।

भारतीय मुक्केबाजों ने एक रजत और तीन कांस्य पदक




जरीन के स्वर्ण पदक के अलावा मनीषा मौन (57 भारवर्ग) और पहली बार विश्व चैंपियनशिप ( championship) में खेल रही प्रवीण हुड्डा (63 भारवर्ग) ने कांस्य पदक अपने नाम किया। इन दोनों को सेमीफाइनल ( semi final) में हार का सामना करना पड़ा था। 2019 में रूस में आयोजित टूर्नामेंट के पिछले संस्करण में भारतीय मुक्केबाजों ने एक रजत और तीन कांस्य पदक जीते।

पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनी

भारत की ओर से 12 सदस्यीय टीम ( team) ने हिस्सा लिया था। भारत ने चार वर्ष के बाद स्वर्ण पदक हासिल किया है। इससे पहले 2018 में एम सी मैरीकॉम ने जीता था। निकहत के लिए यह साल शानदार रहा है। इससे पहले उन्होंने फरवरी में स्ट्रेंटजा मेमोरियल में स्वर्ण पदक जीता था। वह ऐसा करने वालीं पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनी थीं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निकहत को बधाई ( best wishes)

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