Indian News : बिहार लोक सेवा आयोग यानी की बीपीएससी की 67वीं प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अभी तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. ईओयू की टीम ने चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिसमें कृषि विभाग का एक क्लर्क भी शामिल है.
पेपर लीक करने के मामले में पटना एनआईटी से पास आउट छात्र को गिरोह का सरगना बताया जा रहा है जिसका नाम गौरव आनंद उर्फ पिन्टू यादव है. वहीं गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों के नाम भी अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं.
इस मामले में आरा से पहले ही चार अभियुक्त गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जांच में सामने आया कि परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र देने के लिए एक-एक अभ्यर्थियों से लाखों रुपये लिए गए थे.
आर्थिक अपराध इकाई के मुताबिक यह सभी आरोपी बीपीएससी के पेपर लीक में शामिल थे. इन 4 लोगों की गिरफ्तारी के साथ-साथ एसआईटी ने एक कंट्रोल रूम का भी उद्भेदन किया है जो कि पटना के कदम कुआं थाना क्षेत्र में है.
EOU ने क्या-क्या बरामद किया ?
इस कंट्रोल रूम से दो लाख 92 हजार कैश और आईसीआई बैंक के 6 अकाउंट की जानकारी सामने आई है. इसके साथ ही ब्लूटूथ, इयरफोन विद डिवाइस , , 2 जीपीएस डिवाइस और 152 वॉकी टॉकी चार्जर के साथ, 7 जीपीएस बैटरी, 10 जीपीएस मेड डिवाइस (परीक्षा में इस्तेमाल करने के लिए) बरामद किया गया है.
सरकारी क्लर्क समेत चार आरोपी चढ़े एजेंसी के हत्थे
गिरफ्तार आरोपियों में एक का नाम राजेश कुमार है जो बिहार सरकार के कृषि विभाग में सहायक पद पर था, उसी की निशानदेही पर अन्य आरोपी भी एजेंसी के हत्थे चढ़े हैं. गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में निशीकांत कुमार राय (सिवान), कृष्ण मोहन सिंह (वैशाली) और सुधीर कुमार सिंह (औरंगाबाद) शामिल हैं.
आर्थिक अपराध इकाई (EOU) का कहना है कि अभी इस मामले में और भी खुलासे होंगे. करीब आधा दर्जन आरोपी उनकी रडार पर हैं और गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी हो रही है.
मास्टरमाइंड को पकड़ने के लिए छापेमारी
एजेंसी ने गौरव आनंद उर्फ पिंटू यादव को सरगना बताया है, वो एनआईटी पटना से इंजीनियरिंग पास आउट है लेकिन उसके बाद से वह गैरकानूनी धंधों में लगा हुआ है.
2015 में इलाहाबाद शिक्षक भर्ती घोटाला में उसे गिरफ्तार किया गया था. मुंगेर जिले में उस पर एक हत्या का मामला भी चल रहा है. उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी चल रही है.