Indian News : MBBS Fees : निजी मेडिकल कॉलेज में 50 प्रतिशत सीट के लिए सरकारी कॉलेजों की तर्ज पर फीस संबंधी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के दिशा-निर्देश अगले अकादमिक सत्र से प्रभावी होंगे। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। एनएमसी के दिशा-निर्देश में कहा गया है कि निजी मेडिकल कॉलेज ( Private Medical Colleges fees ) और मानद (डीम्ड) विश्वविद्यालयों में 50 प्रतिशत सीट के लिए उतनी ही फीस ली जानी चाहिए, जितनी की संबंधित राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज द्वारा वसूली जा रही है। इन 50 सीटों पर उन छात्रों को एडमिशन मिलेगा, जिन्हें सरकारी कोटे के तहत सीट मिली है। देश में एमबीबीएस और पीजी की सीटें सवा लाख के करीब हैं, जिनमें 60 फीसदी के करीब निजी क्षेत्र में हैं। इस फैसले से हजारों को लाभ मिलेगा।

शेष 50 फीसदी सीटों पर फीस का निर्धारण वास्तविक लागत के आधार पर होगा।

सूत्रों ने बताया कि प्रत्येक राज्य की मेडिकल कॉलेज के लिए फीस निर्धारण समिति द्वारा अपने अधिकारक्षेत्र में आने वाले मेडिकल कॉलेज में इन दिशा-निर्देश को अनिवार्य रूप से लागू करवाना होगा।मालूम हो कि एनएमसी ने पिछली तीन फरवरी को कार्यालय ज्ञापन जारी किया था, जिसमें निजी मेडिकल कॉलेज और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50 प्रतिशत सीट के लिए संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर ही फीस वसूले जाने के फैसले की जानकारी दी गई थी।




एनएमसी ऐक्ट-2019 के तहत सभी निजी मेडिकल कॉलेजों एवं डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50 एमबीबीएस (MBBS) और पीजी ( Medical PG Seats ) सीटों की फीस तय करने का अधिकार सरकार को दिया गया है।

कैपिटेशन फीस नहीं लेंगे

आदेश के मुताबिक किसी भी कॉलेज को कैपिटेशन फीस लेने की अनुमति नहीं होगी। फीस का निर्धारण एक साल या अधिकतम तीन साल के लिए कर सकेंगे। हर साल पांच फीसदी की वृद्धि की जा सकेगी। हॉस्टल, पुस्तकालय, मेस की फीस भी वास्तविक खर्च के आधार पर तय होगी।

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