Indian News : मध्यप्रदेश | मध्यप्रदेश सरकार ने सभी पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों को उनके गृह तहसील और गृह अनुविभाग से हटाकर अन्य स्थानों पर पदस्थ करने का निर्णय लिया है। इस फैसले के बाद प्रदेशभर में 25 हजार पटवारियों और 1300 राजस्व निरीक्षकों के बीच हलचल मच गई है। आधिकारिक आदेश के अनुसार, अब कोई भी पटवारी या राजस्व निरीक्षक अपने गृह क्षेत्र में पदस्थ नहीं रहेंगे, जिससे क्षेत्रीय कार्यों में निष्पक्षता और पारदर्शिता का स्तर बढ़ाने का उद्देश्य है।
गृह तहसील में पदस्थ रहने पर लगी रोक
आयुक्त भू-अभिलेख ने सभी जिलों के कलेक्टरों को आदेश जारी करते हुए पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों को उनके गृह तहसील में पदस्थ न रखने का निर्देश दिया है। आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि जिन कलेक्टरों ने इस नियम का पालन कर लिया है, वे प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें, जबकि जिन जिलों में इस आदेश का पालन नहीं हुआ है, वहां के कलेक्टरों से सूची तैयार कर रिपोर्ट मांगी गई है।
नए आदेश से मचा हड़कंप
इस आदेश के बाद से प्रदेश में पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों के बीच हलचल मच गई है। क्योंकि इनमें से 50 प्रतिशत से अधिक पटवारी और राजस्व निरीक्षक अपने गृह तहसील में ही पदस्थ हैं। आदेश के लागू होने से उन्हें अन्य तहसीलों में स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे कामकाज के साथ उनकी निजी व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है।
पटवारी संघ का विरोध
एमपी पटवारी संघ के अध्यक्ष उपेंद्र सिंह ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि इससे पहले भी ऐसा एक आदेश जारी किया गया था, जिसे निरस्त कर दिया गया था। उन्होंने सरकार से इस नए आदेश पर स्पष्टता देने की मांग की है और आरोप लगाया कि सरकार पटवारियों की सुविधा का ध्यान नहीं रख रही है, बल्कि उनका शोषण कर रही है।
निष्पक्षता बढ़ाने का उद्देश्य
सरकार के इस आदेश का उद्देश्य है कि गृह तहसील में पदस्थ रहने से हो सकने वाले प्रभाव और पक्षपात को रोका जाए। पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों के गृह क्षेत्र में पदस्थ रहने से प्रशासनिक कार्यों में निष्पक्षता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। सरकार का मानना है कि अन्य तहसीलों में स्थानांतरित करने से पारदर्शिता बढ़ेगी और शिकायतें कम होंगी।
रिपोर्ट भेजने की तैयारी में जिले
प्रदेश के सभी कलेक्टर अब इस आदेश के पालन की दिशा में कार्य कर रहे हैं। गृह तहसील में पदस्थ पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों की सूची तैयार की जा रही है, जिससे कि आदेश का पालन शीघ्रता से सुनिश्चित किया जा सके।
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