Indian News : छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल समस्या के समाधान के लिए एक नई दिशा तय की है। 1 नवंबर 2024 से लागू की गई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में नक्सल प्रभावितों और सरेंडर कर चुके नक्सलियों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। सरकार की योजना है कि इन लोगों को मुख्यधारा में शामिल कर उन्हें औद्योगिक क्षेत्र में प्रोत्साहन दिया जाए ताकि उनका आर्थिक उत्थान हो सके और वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।

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औद्योगिक नीति में विशेष प्रावधान : नई औद्योगिक नीति में नक्सलवाद से प्रभावित व्यक्तियों और सरेंडर नक्सलियों को उद्योग संचालन में विशेष मदद देने का प्रावधान है। नीति की प्रस्तावना में यह स्पष्ट किया गया है कि इन वर्गों को अधिक प्रोत्साहन दिया जाएगा ताकि वे भी औद्योगिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले सकें। सरकार का उद्देश्य इन लोगों को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है, जिससे उनका पुनर्वास और पुनर्निर्माण संभव हो सके।




10 प्रतिशत अधिक अनुदान की व्यवस्था : औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के तहत नक्सल प्रभावित व्यक्तियों और उनके परिवारजनों को 10 प्रतिशत अधिक अनुदान मिलेगा। इसका मतलब यह है कि यदि सामान्य उद्यमों को 25 प्रतिशत का अनुदान मिल रहा है तो नक्सल प्रभावितों को 35 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। इस कदम से न केवल उनका आर्थिक विकास होगा, बल्कि ये व्यक्ति औद्योगिक क्षेत्र में एक स्थिर और प्रभावशाली भूमिका भी निभा सकेंगे।

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सरेंडर नक्सलियों के लिए भी अवसर : सरेंडर कर चुके नक्सलियों के लिए यह नीति एक विशेष अवसर लेकर आई है। उन्हें औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने के लिए अतिरिक्त अनुदान मिलेगा। इससे सरकार नक्सल संगठन से जुड़े लोगों को यह संदेश देना चाहती है कि यदि वे हिंसा और उग्रवाद छोड़कर मुख्यधारा में जुड़ते हैं तो उन्हें हर प्रकार की सहायता मिलेगी। इससे नक्सलवाद की समस्या के समाधान में भी मदद मिलेगी।

अन्य वर्गों के लिए भी प्रावधान : नई औद्योगिक नीति में नक्सल प्रभावितों और सरेंडर नक्सलियों के अलावा सेवानिवृत्त सैनिकों, अग्निवीरों, तृतीय लिंग वर्ग और नि:शक्तजनों के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। इन वर्गों को भी 10 प्रतिशत अधिक अनुदान दिया जाएगा, ताकि उनका आर्थिक और सामाजिक विकास तेजी से हो सके। यह कदम राज्य सरकार द्वारा समावेशी विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम : विशेषज्ञों का मानना है कि छत्तीसगढ़ की यह नई औद्योगिक नीति नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा, बल्कि राज्य में औद्योगिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। इस नीति के तहत सरकार का उद्देश्य नक्सलवाद के कारण प्रभावित क्षेत्रों में विकास और रोजगार के अवसरों का निर्माण करना है, ताकि लोगों का रुझान नक्सल संगठन से हटकर औद्योगिक विकास की ओर हो।

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