Indian News : दुर्ग | दुर्ग में एनएसएस बीआईटी द्वारा दिवाली के अवसर पर 22 से 25 अक्टूबर तक आयोजित “दीपोत्सव” का मुख्य उद्देश्य बौद्धिक रूप से असक्षम बच्चों की सहायता करना था। इस कार्यक्रम का आयोजन स्नेह संपदा संस्था के बच्चों के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से किया गया। इस आयोजन ने बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने के साथ-साथ समाज को संवेदनशीलता और सहयोग का संदेश दिया।
1100 दीयों की सजावट में बच्चों ने दिखाई उत्सुकता
22 अक्टूबर को NSS BIT दुर्ग के स्वयंसेवकों ने स्नेह संपदा के बच्चों के साथ मिलकर 1100 दीयों को सजाया। रंगों और रचनात्मकता से भरे इस आयोजन में बच्चों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और दीयों की सजावट में अपनी कल्पनाशक्ति का परिचय दिया। उनके द्वारा सजाए गए दीयों को 25 अक्टूबर को BIT दुर्ग परिसर में स्टॉल लगाकर बेचा गया, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और इन दीयों को खरीदा।
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17000 रुपए की सहायता राशि का संग्रहण
दीपोत्सव के दौरान दीयों की बिक्री से 17000 रुपए की राशि एकत्रित की गई, जिसे स्नेह संपदा संस्था के बच्चों के विकास और भविष्य को संवारने हेतु दान किया गया। इस आयोजन में बीआईटी दुर्ग के प्राचार्य डॉ. अरुण अरोरा, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शबाना नाज़ सिद्धीकी, और प्रोफेसर अभिजीत लाल ने प्रमुख भूमिका निभाई और स्वयंसेवकों को प्रेरित किया।
समाज में जागरूकता और सहयोग का संदेश
NSS BIT दुर्ग द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला दीपोत्सव न केवल बच्चों के जीवन में खुशी लाता है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव का संदेश भी प्रसारित करता है। इस पहल से विशेष बच्चों के प्रति संवेदनशीलता और सहयोग को बढ़ावा मिलता है, जो समाज के लिए एक प्रेरणादायक कदम है।
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