Indian News : नई दिल्ली |  सावन में इसके हर एक दिन का बहुत महत्व होता है, शिव भक्तो के लिए सावन का महीना की त्योहार से काम नहीं होता है. महादेव को प्रसन्न करने के लिए भक्त अलग-अलग उपाए करते है ताकि शिव भगवान् उनको अपना आशीर्वाद दे. और अब सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने श्रवण महीने की पूर्णिमा आने वाली है.हिंदू धर्म में श्रावण मास की पूर्णिमा का बहुत ज्यादा धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है क्योंकि इसी दिन देवों के देव महादेव का प्रिय सावन का महीना पूरा होता है तो वहीं इसी दिन बहन और भाई के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है.

इस साल श्रावण मास की पूर्णिमा 11 अगस्त 2022 को गुरुवार के दिन पड़ रहा है.. इस दिन कल्याण के देवता माने जाने वाले औढरदानी भगवान शिव का रुद्राभिषेक और जगत के पालनहार भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए व्रत रखा जाता है. साथ ही साथ यह पावन पर्व चंद्र देवता की पूजा के लिए भी जाना जाता है. आइए श्रावण मास की पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपाय के बारे में जानते हैं.

श्रावण मास की पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त




पंचांग के अनुसार इस साल श्रावण मास की पूर्णिमा 11 अगस्त 2022, गुरुवार कोप प्रात:काल 10:38 बजे से लेकर अगले दिन 12 अगस्त 2022 को प्रात:काल 07:05 बजे तक रहेगी. इस दिन अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:00 से लेकर 12:53 बजे तक रहेगा, जबकि अमृत काल सायंकाल 06:55 से रात्रि 08:20 बजे तक रहेगा.

इस पूजा से मिलेगा महादेव से मनचाहा वरदान

यदि आप किसी कारणवश पूरे सावन के महीने में शिव की पूजा का उपाय या रुद्राभिषेक नहीं कर पाए हैं तो आप श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन उनकी विधि-विधान से पूजा करके मनचाहा वरदान पा सकते हें.

सावन पूर्णिमा पर इस पूजा से प्रसन्न होंगे चंद्र देव

श्रावण मास की पूर्णिमा का पावन पर्व न सिर्फ भगवान शिव बल्कि चंद्र देवता से मनचाहा वरदान पाने के लिए भी पूजा का विशेष उपाय किया जाता है. मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रदोष हो तो उसे दूर करने और उसकी शुभता को पाने के लिए सावन की पूर्णिमा के दिन चंद्र देवता को दूध और गंगाजल से अर्घ्य देना चाहिए.

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