Indian News : नागपुर | नागपुर में विजयादशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने परंपरागत शस्त्र पूजा का आयोजन किया। इस खास मौके पर पद्म भूषण से सम्मानित और पूर्व ISRO प्रमुख के. राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। शस्त्र पूजा के इस समारोह में संघ के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और स्वयंसेवक भी शामिल हुए।

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1. विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजा की परंपरा : विजयादशमी का पर्व RSS के लिए विशेष महत्व रखता है। हर साल इस दिन नागपुर में संघ प्रमुख द्वारा शस्त्र पूजा की जाती है, जो शक्ति, संगठन और राष्ट्र निर्माण का प्रतीक मानी जाती है। इस बार भी मोहन भागवत ने परंपरागत तरीके से शस्त्रों का पूजन किया और देश की रक्षा व सुरक्षा की प्रार्थना की।




2. मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे के. राधाकृष्णन : इस वर्ष के विजयादशमी उत्सव के मुख्य अतिथि पूर्व ISRO प्रमुख के. राधाकृष्णन रहे। उन्होंने अपने संबोधन में विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और देश के विकास में योगदान देने के लिए संघ के कार्यों की सराहना की। राधाकृष्णन के साथ मंच पर अन्य गणमान्य अतिथियों ने भी इस अवसर की गरिमा बढ़ाई।

3. संघ प्रमुख का संबोधन : शस्त्र पूजा के बाद मोहन भागवत ने अपने संबोधन में देश के वर्तमान हालात और चुनौतियों पर बात की। उन्होंने भारत की एकता, संस्कृति और सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि समाज को संगठित होकर देशहित में कार्य करना चाहिए। भागवत ने युवाओं से अपील की कि वे राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं और संघ के सिद्धांतों का पालन करें।

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4. उत्सव में संघ के स्वयंसेवकों की सक्रिय भागीदारी : विजयादशमी के इस आयोजन में संघ के हजारों स्वयंसेवक उपस्थित रहे। स्वयंसेवकों ने अनुशासित तरीके से कार्यक्रम में भाग लिया और शस्त्र पूजा की प्रक्रिया को देखा। संघ के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और नगर संघचालक भी इस अवसर पर उपस्थित थे, जिन्होंने संघ की परंपराओं और आदर्शों का महत्व बताया।

5. शस्त्र पूजा की परंपरा का ऐतिहासिक महत्व : RSS में शस्त्र पूजा की परंपरा वर्षों पुरानी है, जो शक्ति और राष्ट्र रक्षा के संकल्प को दर्शाती है। विजयादशमी का यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है, और शस्त्र पूजा को शक्ति और सुरक्षा के रूप में देखा जाता है। संघ द्वारा आयोजित इस उत्सव का नागपुर में खासा महत्व है, जहां हर साल इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

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