Indian News : नई दिल्ली | राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस प्रस्ताव पर 70 विपक्षी सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। इसमें INDIA गठबंधन की प्रमुख पार्टियां समाजवादी पार्टी (सपा), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और आम आदमी पार्टी (AAP) शामिल हैं। हालांकि, विपक्ष के प्रदर्शन में सपा और टीएमसी ने हिस्सा नहीं लिया।

अविश्वास प्रस्ताव लाने की वजह : विपक्ष का आरोप है कि जगदीप धनखड़ पक्षपाती तरीके से राज्यसभा की कार्यवाही संचालित कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, “मैंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में इतना पक्षपाती सभापति नहीं देखा।” विपक्ष का कहना है कि सत्ता पक्ष के सांसदों को नियमों के विपरीत बोलने दिया जाता है, जबकि विपक्षी सांसदों को बोलने से रोका जाता है।

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अगस्त में भी उठी थी असहमति की लहर : अगस्त 2024 में भी विपक्ष ने जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी की थी। तब 20 सांसदों का समर्थन जुटाने के बाद यह मुद्दा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। लेकिन अब, विपक्षी दल इस बार मजबूती से आगे बढ़ने की योजना बना रहे हैं।

INDIA गठबंधन की भूमिका : इस बार प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वालों में INDIA गठबंधन की पार्टियां मुख्य भूमिका निभा रही हैं। हालांकि, संसद के भीतर प्रदर्शन में सपा और टीएमसी की गैरमौजूदगी से विपक्ष के एकजुटता के दावे पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार : सरकार ने अभी तक इस अविश्वास प्रस्ताव पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। जानकारों का मानना है कि संसद के शीतकालीन सत्र में यह मुद्दा बड़ा राजनीतिक हंगामा खड़ा कर सकता है।


निष्कर्ष : राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष और सरकार के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है। अब देखना होगा कि यह प्रस्ताव संसद में कितना प्रभाव डालता है।

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