Indian News : रायपुर | राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर में दिनांक 1 जुलाई को संस्थान के ई-हॉल में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तीन नए अपराधिक कानूनों के लिए विशेष जागरुकता सेमिनार और क्विज कम्पटीशन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रभारी निदेशक डॉ. आर. के. त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इसके साथ ही डीन (अकादमिक) डॉ. श्रीश वर्मा, हेड (सीडीसी) डॉ. समीर बाजपेयी, डीन (छात्र कल्याण) डॉ. नितिन जैन भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे |
![](https://indiannews.live/wp-content/uploads/2024/05/INDU-IT-SCHOOL-SCHOLARSHIP-INDIAN-NEWS.jpeg)
![](https://indiannews.live/wp-content/uploads/2022/10/Indian-News-के-Whatsapp-ग्रूप-से-जुड़े.png)
Read More>>>> नए आपराधिक कानूनों पर विजय शर्मा का बयान |
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एचएनएलयू के लॉ के असिस्टेंट प्रो. डॉ. परवेश कुमार राजपूत रहे। संस्थान के ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर और बीएनएस के नोडल ऑफिसर डॉ. वाई. विजया बाबू ने इस कार्यक्रम के कॉर्डिनेटर की भूमिका निभाई। यह कार्यक्रम संस्थान के फैकल्टी मेम्बेर्स , स्टाफ मेम्बेर्स , स्कोलर्स और विद्यार्थियों के लिए काफी लाभदायक साबित हुआ जिससें उन्हें नए कानूनों से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हुई |
Indian News के WhatsApp Channel से जुड़े
भारत सरकार ने दिनांक 1 जुलाई 2024 को भारतीय न्याय संहिता 2023 के नाम से जाने वाले तीन नए अपराधिक कानूनों के प्रावधानों को लागू कर दिया है । यह जागरूकता सेमिनार विशेष रूप से उन नए नियमों पर केंद्रित रहा जो मुख्य रूप से ई-एफआईआर दाखिल करने, पहली बार अपराधिक कृत्य में लिप्त अपराधियों, देशद्रोह, कम्युनिटी सर्विसेज इत्यादि और भारतीय न्याय संहिता 2023 के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी देने में सहायक साबित होंगे |
डॉ. आर. के. त्रिपाठी ने ब्रिटिश काल के कानूनों को अपडेट करने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि अपराधियों को नए कानूनी ढांचे के तहत उचित सजा दी जाए। मुख्य वक्ता डॉ. परवेश कुमार राजपूत ने समाज को आकार देने में कानूनों के महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत में पहले विधि आयोग के ऐतिहासिक गठन और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) जैसे प्रमुख कानूनों के बारे में संक्षिप्त चर्चा की।
Read More>>>>Durg : 1 जुलाई से नई कानून व्यवस्था लागू |
डॉ. राजपूत ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 के साथ आईपीसी के रिप्लेसमेंट के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें ई-एफआईआर की शुरूआत सहित एफआईआर और एनसीआर दर्ज करने के नए तरीकों के बारे में जानकारी दी गई । उन्होंने बीएनएस 2023 के तहत गवाहों और महिलाओं के लिए बढ़े हुए अधिकारों और सुरक्षा पर बात की और बीएनएसएस (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) और बीएसए (भारतीय साक्ष्य अधिनियम) पर भी चर्चा की। इन नियमों के तहत बारीकी से जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी घटना की नए कानूनों के अनुसार की गई नियमतः कार्यवाही अपराधी को उचित सजा दिलाने में सहायक साबित होगी | उन्होंने विभिन्न घटनाओं का उदाहरण देते हुए अपनी बात सभी को बताई |
इसके साथ ही कार्यक्रम में नए बीएनएस कानूनों पर एक क्विज कम्पटीशन भी आयोजित किया गया | जिसमें “जीरो एफआईआर क्या है?” और “जमानती अपराध क्या है?” जैसे प्रश्न शामिल रहे । प्रतियोगिता के बाद सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। डॉ. बाबू ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए नए कानूनों के बारे में जागरूक होने और व्यक्तियों और समाज दोनों के लिए उनके लाभों पर प्रकाश डालने के महत्त्व पर बल दिया।
@indiannewsmpcg
Indian News
7415984153
![](https://indiannews.live/wp-content/uploads/2024/07/WhatsApp-Image-2024-07-01-at-7.20.29-PM-1-1024x682.jpeg)