Indian News : ज्योतिष (Astrology) के अनुसार जिन लोगों का चंद्र ग्रह कमजोर या अशुभ (Inauspicious) होता है वह लोग मोती (Moti) पहन सकते हैं. हिंदू धर्म के रत्न शास्त्र में 84 उपरत्न और 9 रत्नों का वर्णन मिलता है. इन 9 रत्नों का संबंध किसी न किसी ग्रह के साथ माना जाता है. इनमें 5 मुख्य रत्न हैं हीरा, पन्ना, माणिक, मोती और पुखराज, रत्न शास्त्र (Ratna Shastra) के अनुसार रत्न ग्रहों का शुभ प्रभाव बढ़ाकर व्यक्ति को जीवन में तरक्की दिलाने में सहायक होते हैं. आज हम आपको इन्हीं रत्नों में से एक मोती के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसका संबंध चंद्र ग्रह के साथ माना जाता है. तो चलिए जानते है मोती पहनने की विधि और उसके लाभों के बारे में.
कौन सी राशि के लोग पहन सकते हैं मोती
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों को अधिक गुस्सा आता है. या जो व्यक्ति लगातार डिप्रेशन में रहने लगा है, वो मोती को धारण कर सकता है. इसके अलावा जिन लोगों की राशि कर्क है या कर्क लग्न है वह भी मोती धारण कर सकते हैं. वैदिक ज्योतिष की माने तो वृश्चिक लग्न के लोगों की कुंडली में चन्द्रमां भाग्य स्थान का स्वामी है, लेकिन इसी वृश्चिक राशि में चन्द्रमां नीच का हो जाता है. इसलिए इस राशि वाले लोगों को मोती धारण करने के साथ-साथ चंद्र यंत्र पहनने की सलाह दी जाती है.
मोती पहनने के लाभ
ज्योतिष की मानें तो चन्द्रमां हमारे मस्तिष्क और मन पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है, और मोती का संबंध चन्द्रमां के साथ माना जाता है. इसलिए मन को शांत और दिमाग को स्थिर रखने के लिए मोती धारण करना अच्छा होता है. मोती समुद्र में सीपियों से प्राप्त होते है. सबसे अच्छा मोती दक्षिण सागर में पाया जाता है इसमें पिली धारियां होती हैं.
ऐसा माना जाता है कि गोल आकर का मोती सबसे उत्तम प्रकार का होता है. गोल होने के साथ यदि मोती अपने आप में पीलापन लिए हुए हो तो ऐसा मोती धारण करने वाला व्यक्ति विद्धान होता है. साथ ही आकार में लम्बा एवं गोल हो और उसके बीच के भाग में आसमान के रंग जैसा वलयाकार या अर्द्ध चंद्राकार चिन्ह हो तो ऐसा मोती धारण करने वाले व्यक्ति को अच्छे पुत्र की प्राप्ति होती है.
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