ऑटोमेटिक मशीनों से रेडी टू ईट बनाने की योजना अब अप्रैल से होगी लागू : Chhattisgarh Government

Indian News – रायपुर। छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए रेडी टू ईट ऑटोमेटिक मशीनों से बनाने की नई व्यवस्था अब अप्रैल महीने से शुरू होगी। सरकार ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। पूर्व में शासन द्वारा रेडी टू ईट ऑटोमेटिक मशीनों द्वारा 1 फरवरी से बनाए जाने का निर्देश दिया गया था। राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में जारी की गई नई पॉलिसी का क्रियान्वयन एक फरवरी 2022 से होना था, इसे अब एक अप्रैल 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

बता दें कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 एवं फूड सेफ्टी हाईजीन निर्देश 2013 में पूरक पोषण आहार निर्माण में स्वच्छता संबंधी मानक निर्देश दिये गए हैं। इसी के तहत छत्तीसगढ़ के आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों वितरित किए जा रहे रेडी टू ईट पोषण आहार की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने केन्द्रीयकृत व्यवस्था को लागू करने करने का निर्णय लिया है। इस व्यवस्था के तहत स्वचलित मशीनों के जरिए रेडी टू ईट पोषण आहार का उत्पादन किया जाएगा।




राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस व्यवस्था तहत वर्तमान में अनुबंधित महिला स्व-सहायता समूहों को रेडी टू ईट के परिवहन एवं वितरण कार्य में सहयोग लिया जाएगा। जिससे उनके आय के साधन में निरंतरता रहेगी। नई नीति के तहत रेडी टू ईट फूड निर्माण कृषि विकास एवं कृषक कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा स्थापित इकाइयों के माध्यम से किया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के संयुक्त उपक्रम रायगढ़ संयंत्र द्वारा रेडी टू ईट दिया जाएगा।

जाने क्या है राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 एवं फूड सेफ्टी हाईजीन निर्देश 2013 में पूरक पोषण आहार निर्माण में स्वच्छता संबंधी मानक निर्देश दिये गए हैं। साथ ही उच्चतम न्यायालय ने भी कहा है कि हितग्राहियों को दिए जा रहे पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत वितरित किए जा रहे रेडी टू ईट में निर्धारित ऊर्जा, माइक्रोन्यूट्रीएंट्स (कैलोरी, प्रोटीन, फोलिक एसिड, राइबोफ्लेविन, नाईसीन, कैल्शियम, थायमिन, आयरन, विटामिन ए, बी12, सी एवं डी) होने के साथ वह फोटिफाईड एवं फाइन मिक्स होना चाहिए। इसके साथ ही रेडी टू ईट मानव स्पर्शरहित स्वचलित मशीन द्वारा निर्मित एवं जीरो संक्रमण रहित होना चाहिए।

हाईकोर्ट में लगाई गई थी याचिका
राज्य सरकार ने 22 नवंबर 2021 को हुई कैबिनेट बैठक में इस रेडी टू ईट के तहत बनने वाली खाद्य सामग्री ऑटोमेटिक मशीनों से बनाने का निर्णय लिया था। सरकार के इस फैसले के खिलाफ सैकड़ों स्व सहायता समूह लामबंद हुए। सरकार के फैसले के खिलाफ 230 से अधिक महिला स्व सहायता समूह लामबंद हुए और हाई कोर्ट में याचिका लगाई। इस मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने इस पर अंतरिम रोक लगा दी है। वहीं इस मामले के अंतिम सुनवाई 4 मार्च को तय की गई है। इससे पहले राज्य सरकार ने इसे लेकर वस्तुस्थिति स्पष्ट की है।

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