Indian News : रायपुर । थाना सिविल लाइंस में आरोपी निलेश शर्मा के विरुद्ध दर्ज़ अपराध क्रमांक 133 /22 में धारा 504, 505(1)(b ),505(2), 67Aआईटी एक्ट एवं धारा 4, 5 अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम (PITA) में विवेचना के दौरान प्रकाश में आए तथ्यों के अनुसार प्लाटून कमांडर विनोद सिंह ठाकुर के द्वारा आरोपी निलेश वर्मा को CDRs (कॉल डिटेल रिकार्ड्स) उपलब्ध कराना पाया गया है

। विनोद सिंह ठाकुर वर्तमान में वीआईपी सुरक्षा बटालियन में पदस्थ है। CDR जैसे गोपनीय दस्तावेज को प्राप्त करना और शेयर करने जैसे गम्भीर कदाचरण पर वीआईपी सुरक्षा बटालियन के कमांडेंट मनोज खिलाड़ी द्वारा प्लाटून कमांडर को निलम्बित किया गया है। उसके विरुद्ध प्राथमिक जाँच के आदेश दिए गए हैं।

बता दें कि थाना सिविल लाईन में प्रार्थी खिलावन निषाद की शिकायत पर इंडियन रायटर्स वेब पोर्टल के संचालक निलेश शर्मा के विरूद्ध अपराध क्रमांक 133/22 धारा 504, 505 (1) (बी), 505(2) भादवि. पंजीबद्ध करते हुए आरोपी की गिरफ्तारी की गई थी जिस पर से आरोपी द्वारा न्यायालय में जमानत आवेदन लगाया गया था। न्यायालय द्वारा केस डायरी के अवलोकन पर प्रथम दृष्टया आरोपी के विरूद्ध अपराध कारित करना पाये जाने पर जमानत आवेदन को खारिज कर दिया गया और आरोपी को जेल दाखिल किया गया।




आरोपी की गिरफ्तारी के समय आरोपी के पास से उसका मोबाइल फोन भी जप्त हुआ था जिसकी जांच से आरोपी के संबंध में कुछ नये तथ्य प्रकाश में आये हैं जो इस प्रकार हैं जिन के संबंध में पृथक से जांच की जा रही है। 1. आरोपी द्वारा एक पुलिस अधिकारी से अनाधिकृत रूप से काॅल रिकाॅर्ड्स भी प्राप्त किये गये हैं जो उसके मोबाइल फोन में मिले हैं।

काॅल रिकॉर्डस एक बहुत ही संवेदनशील गोपनीय दस्तावेज होता है और सिर्फ पुलिस तथा अन्वेषण एजेंसियों द्वारा ही इसको पूरे विधिक प्रक्रिया से प्राप्त करके ही प्रयोग किया जा सकता है साथ ही उनका विधिवत नष्टीकरण करना पड़ता है। उपरोक्त कॉल रिकॉर्ड किस उदेश्य से प्राप्त किये गए है की जांच आवश्यक है। साथ ही आरोपी को काॅल रिकाॅर्ड्स उपलब्ध करवाने वाले पुलिस अधिकारी को भी जांच के दायरे में लाया जा रहा है।

आरोपी के मोबाइल फोन पर हुए वाॅट्सएप चैटिंग से यह प्रथम दृष्ट्या प्रतीत हो रहा है कि आरोपी द्वारा कई लोगों से अलग-अलग काम करवाने के लिये पैसे लिये जाते थे, जिसमें से बहुत से लोगांे द्वारा काम नहीं होने पर पैसे वापस मांगे जाने के मैसेज प्राप्त हुए हैं।इन सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है।

आरोपी के मोबाइल फोन में बहुत सारे पोर्नाेग्राफिक कंटेंट भी मिले हैं जिसे इसके द्वारा अपने फोन के माध्यम से प्रसारित किया जाता था जो आई.टी.एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है। आरोपी द्वारा जिन जिन लोगों को पोर्नोग्राफिक कंटेंट भेजे गये हैं उन सभी से भी पूछताछ की जा रही है।

आरोपी के चैट्स से यह भी स्पष्ट परिलक्षित हो रहा है कि आरोपी अनैतिक व्यापार (Prostitution) करने वाली युवतियों के संपर्क में था, आरोपी के उन युवतियों के साथ आपत्तिजनक और अमर्यादित भाषा में चैट भी मिले हैं। इसी प्रकार की चैटिंग कुछ पुरूषों के साथ भी मिली है जिनका परीक्षण किया जा रहा है।

आरोपी की कुछ लोगों से नियमित चर्चा और सामग्री का आदान प्रदान पाया गया है जिससे ऐसासंकेत मिल रहा है कि वे लोग आपस में मिलकर फर्जी समाचार प्रसारित करने के किसी एजेेंडे के तहत काम कर रहे थे। जांच के क्रम में आगे चलकर उन सभी से पूछताछ की जायेगी।

आरोपी के मोबाइल फोन से कुछ ऐसे भी चैट्स मिले हैं जो भयादोहन की श्रेणी में आते हैं, आरोपी पत्रकारिता की आड़ लेकर ब्लैकमेलिंग करने या डराने का काम कर रहा था। जांच के क्रम में उन पीड़ित लोगोें से भी आगे चलकर पूछताछ की जायेगी।

आरोपी के मोबाइल में कुछ इस प्रकार के शासकीय गोपनीय दस्तावेज भी पाये गये हैं जो बिना किसी सरकारी अधिकारी/कर्मचारी की मदद के प्राप्त नहीं किये जा सकते हैं। वे दस्तावेज आरोपी को कैसे प्राप्त हुए इसके संबंध में भी जांच की जा रही है। अब तक की विवेचना से स्पष्ट है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में स्थापित पत्रकारिता की शक्ति का प्रयोग आरोपी नीलेश शर्मा ऐसी गतिविधियों के लिये कर रहा था जिससे पत्रकारिता जैसे शुचिता पूर्ण व्यवसाय की छवि धूमिल हो रही थी। इन सभी तथ्यों की जांच की जा रही है, आगे आने वाले समय में इस संबंध में और नये खुलासे हो सकते हैं।

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