Indian News : नईदिल्ली । त्रिकूट रोप-वे हादसे में फंसे लोगों की जान बचाने वाले सेना के जांबाजों से पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार रात को बात की। ऑपरेशन में उनके अनुभवों की जानकारी ली. इस संवाद में गृहमंत्री अमित शाह भी जुड़े. पीएम ने एयरफोर्स, एनडीआरएफ, आइटीबीपी, गरुड़ कमांडो, सेना के अधिकारी व स्थानीय पन्ना लाल और देवघर डीसी से रेस्क्यू के संबंध में बात की. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा : आप सभी ने तीन दिनों तक 24 घंटे लगकर मुश्किल ऑपरेशन को पूरा किया है. पूरा देश आपके साहस की प्रशंसा कर रहा है।

अफसोस है कि कुछ साथियों का हम जीवन नहीं बचा पाये. इस घटना में जो लोग घायल हैं, सभी के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं. पीएम ने सेना के सभी जांबाजों, स्थानीय नागरिकों, प्रशासन, स्थानीय पुलिस को ऑपरेशन की सफलता के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि आप सबों पर बाबा बैद्यनाथ की कृपा बनी रहे।

यह ऑपरेशन संवेदनशीलता और सूझबूझ का पर्याय रहा है. इस हादसे से हमें बड़ा सबक मिला है. जिसने भी इस ऑपरेशन को देखा, वो हैरान-परेशान था. आप तो मौके पर थे, परिस्थितियां कितनी मुश्किल थी. देश को गर्व है, हमारे पास ऐसी फोर्स है, जो मुश्किल से निकाल सकती है। मुश्किल से मुश्किल चुनौती के सामने अगर हम धैर्य के साथ काम करते हैं, तो सफलता मिलती ही है. आप सभी ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जिस धैर्य का परिचय दिया, वो अतुलनीय है।




पीएम ने कहा : वर्दी पर बहुत आस्था होती है. संकट में फंसे लोग जब भी आपको देखते हैं, तो उनको विश्वास हो जाता है कि उनकी जान अब सुरक्षित है. उनमें नयी उम्मीद जाग जाती है. अॉपरेशन के दौरान आपने वरीय नागरिकों और बच्चों का पूरा ध्यान रखा. इस आपरेशन की सफलता से पता चलता है कि आपलोगों की ट्रेनिंग बेहतर है।

हर अनुभव के साथ आप अपने को सशक्त करते जा रहे हैं. आधुनिक और वैज्ञानिक सुविधाओं को उपयोग कर बेहतर कर रहे हैं. त्रिकूट रोप-वे की घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब भी देश में सकट होता है तो सेना और स्थानीय लोग सब मिलकर लग जाते हैं. बाबाधाम के स्थानीय लोगों ने जो इस अॉपरेशन में सहयोग किया, इसके लिए वे प्रशंसा के पात्र हैं।

संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने इस ऑपरेशन में शामिल लोगों से बात करने की इच्छा जतायी. इसके बाद गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने प्रधानमंत्री से पन्नालाल का परिचय कराया. उन्होंने बताया कि पन्ना लाल ने 22 लोगों की जान बचायी. इसके बाद प्रधानमंत्री ने पन्नालाल से संवाद किया।

10 की शाम साढ़े चार बजे जब घटना हुई, तो हम सब आगे आये. दूसरे दिन जब दो बार हेलीकॉप्टर लौट गया तो सांसद जी के आग्रह पर पहले केबिन में फंसे बच्चों तक पानी पहुंचाया. इसके बाद उन्हें बाहर निकालने के अभियान में जुट गया. इस पर प्रधानमंत्री ने पूछा कि आप क्या करते हैं? इस काम के लिए ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है. क्या आपने कहीं से ट्रेनिंग ली. इस पर पन्ना लाल बोले कि मैं पहाड़ी हूं. कहीं से ट्रेनिंग नहीं ली. पर बच्चों व अन्य लोगों को फंसा देख कहां से ताकत आ गयी, पता ही नहीं चला।

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