Indian News : भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों के पहले सियासी बिरयानी पकने लगी है। दस्तरखान लग चुके हैं,दावतों का दौर भी शुरु हो गया है। मेज़बानी का मौका मिला है ओवैसी की टीम को। कोशिश हो रही है कि बिरयानी के बहाने सियासी जमीन मजबूत की जाए और इस कोशिश को मध्यप्रदेश में मुकम्मल कर रही है ओवैसी की पार्टी AIMIM।
दरअसल मध्यप्रदेश में AIMIM के चीफ असददुद्दीन ओवैसी कई दफे दौरा कर चुके हैं। पार्टी फिलहाल मेगा मेंबरशिप ड्राइव चला रही है। अब तक पार्टी ने मध्यप्रदेश में 1 लाख से ज्यादा सदस्य बना लिए हैं। अकेले भोपाल की नरेला विधानसभा सीट पर AIMIM ने 25 हज़ार से ज्यादा सदस्य जोड़ लिए हैं। फिलहाल AIMIM चुनावों के पहले 10 लाख से भी ज्यादा मेंबर बनाने की तरफ बढ़ रही है।खबर तो ये भी है 2023 के चुनावों में AIMIM मध्यप्रदेश की 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
असल में AIMIM की एंट्री को लेकर कांग्रेस सहमी हुई है। कांग्रेस को लगता है कि AIMIM अगर विधानसभा चुनावों में उतरी तो सबसे बड़ा नुक्सान कांग्रेस को ही होगा। क्योंकि मध्यप्रदेश में सिर्फ कांग्रेस के पास ही दो मुसलमान विधायक हैं, वो भी भोपाल में। कांग्रेस बुरहानपुर महापौर सीट पर हुई हार का गम अब तक भुला भी नहीं पाई है। कि फिर AIMIM ने सीधे कांग्रेस को ही चैलेंज दे दिया है।
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, खंडवा, खरगौन, बुरहानपुर जैसे शहरों में AIMIM के दावेदारों ने ताकत के साथ काम करना भी शुरु कर दिया है। AIMIM के नेता मानते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने मुसलमानों के साथ बेवफाई की है। लिहाजा अब वफादारी का वक्त औवेसी के साथ है।
कांग्रेस ये भी जानती है कि AIMIM का कुनबा बढ़ने के पीछे पार्टी से नाराज़ चल रहे अल्पसंख्यक वोट हैं। जो ओवैसी की तरफ शिफ्ट होते जा रहे हैं। कांग्रेस में भगदड़ मची है,मुसलमान साथी पार्टी को अलविदा करते जा रहे हैं। इन सब का सीधा फायदा ओवैसी उठा रहे हैं। जाहिर है मौके की नज़ाकत को समझते हुए बीजेपी ने आहिस्ता आहिस्ता सियासी बिरयानी को हजम करने की तैयारी शुरु कर दी है।
कांग्रेस ये भी जानती है कि AIMIM का कुनबा बढ़ने के पीछे पार्टी से नाराज़ चल रहे अल्पसंख्यक वोट हैं। जो ओवैसी की तरफ शिफ्ट होते जा रहे हैं। कांग्रेस में भगदड़ मची है, मुसलमान साथी पार्टी को अलविदा करते जा रहे हैं। इन सब का सीधा फायदा ओवैसी उठा रहे हैं। जाहिर है मौके की नज़ाकत को समझते हुए बीजेपी ने आहिस्ता आहिस्ता सियासी बिरयानी को हजम करने की तैयारी शुरु कर दी है।
फिलहाल ओवैसी के हर मूव पर कांग्रेस की नज़र है। ओवैसी ने एमपी में पिछले दौरे के दौरान अपने तेवर साफ कर दिए थे। नतीजे के तौर पर बुरहानपुर में AIMIM की मेयर कैंडिडेट को 10 हजार 2 सौ 74 वोट मिले जबकि बीजेपी और कांग्रेस के बीच हार का अंतर सिर्फ 500 वोटों का था। AIMIM के पास मध्यप्रदेश में 7 पार्षद हैं। लेकिन पार्टी का प्रभाव भोपाल,जबलपुर, इंदौर, खंडवा, खरगौन, बुरहानपुर से लेकर मध्यप्रदेश के हर मुस्लिम बहुल इलाके में हैं। जाहिर है अब कांग्रेस को टक्कर न सिर्फ बीजेपी से बल्कि सपा,बसपा के अलावा AIMIM से भी मिलने वाली है।