Indian News : सूरत | चांदनी पड़वा उत्सव की तैयारी सूरत में जोरों पर है, और इस खास मौके के लिए प्रसिद्ध घारी मिठाई तैयार की जा रही है। शरद पूर्णिमा के दूसरे दिन, यानी 17 अक्टूबर को मनाए जाने वाले इस त्योहार में घारी मिठाई का विशेष महत्व है, जिसे स्थानीय लोग बड़े उत्साह के साथ बनाते और खाते हैं।

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घारी मिठाई की विशेष मांग : चांदनी पड़वा उत्सव के दौरान सूरत में घारी मिठाई की मांग तेजी से बढ़ जाती है। यह मिठाई शुद्ध घी, मावा, और सूखे मेवों से बनाई जाती है, जो इसे एक समृद्ध स्वाद और अनोखी बनावट देती है। उत्सव के समय स्थानीय मिठाई विक्रेताओं ने घारी बनाने की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।




चांदनी पड़वा उत्सव का सांस्कृतिक महत्व : चांदनी पड़वा सूरत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। शरद पूर्णिमा के बाद मनाए जाने वाले इस त्योहार में घारी मिठाई का सेवन एक विशेष परंपरा मानी जाती है। यह उत्सव न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे सूरत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी माना जाता है।

मिठाई की दुकानों पर भीड़ : चांदनी पड़वा से पहले सूरत की मिठाई की दुकानों पर भीड़ देखी जा रही है। लोग घारी मिठाई के अलग-अलग फ्लेवर्स का ऑर्डर दे रहे हैं, जिसमें खासतौर पर केसर, इलायची, और पिस्ता घारी की मांग ज्यादा है। मिठाई विक्रेताओं का कहना है कि इस बार भी घारी की बिक्री उम्मीद से ज्यादा हो रही है।

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सूरत की पहचान बनी घारी मिठाई : सूरत में घारी मिठाई न केवल स्थानीय लोगों की पसंदीदा है, बल्कि यह पूरे राज्य में प्रसिद्ध है। चांदनी पड़वा पर घारी का सेवन सूरत की एक पुरानी परंपरा है, जिसे पीढ़ियों से आगे बढ़ाया जा रहा है। हर साल इस समय घारी मिठाई के नए-नए फ्लेवर्स पेश किए जाते हैं, जो इसे और खास बना देते हैं।

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