Indian News : मॉस्को, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। रूस के इस फैसले से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पश्चिम देशों की आशंका के बीच तनाव और बढ़ेगा।

राष्ट्रपति की सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पुतिन ने यह घोषणा की और इसी के साथ मॉस्को समर्थित विद्रोहियों और यूक्रेनी बलों के बीच संघर्ष के लिए रूस के खुलकर बल और हथियार भेजने का रास्ता साफ हो गया है।

पश्चिमी देशों को इस बात का डर है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है और वह पूर्वी यूक्रेन में झड़पों को हमला करने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है।

इससे पहले, यूक्रेन के अलगाववादी नेताओं ने टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान के जरिए रूस के राष्ट्रपति से अनुरोध किया था कि वे अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दें और मित्रता संधियों पर हस्ताक्षर करके उनके ‘‘खिलाफ जारी यूक्रेनी सेना के हमलों से’’ उनकी रक्षा करने के लिए सैन्य सहायता भेजें। रूस के निचले सदन ने भी पिछले सप्ताह इसी प्रकार की अपील की थी।

पुतिन ने रूसी सांसदों से यूक्रेन के विद्रोही क्षेत्रों के साथ संधियों पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया, जिससे कि उन्हें मॉस्को का सैन्य समर्थन मिल सके।

वहीं, यूरोपीय संघ ने यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने के रूस के कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि वह इसमें शामिल लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा। इसने यूक्रेन की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपना समर्थन दोहराया।
गौरतलब है कि रूस ने रविवार को यूक्रेन की उत्तरी सीमाओं के पास सैन्य अभ्यास बढ़ा दिया था। उसने यूक्रेन की उत्तरी सीमा से लगे बेलारूस में करीब 30,000 सैनिकों की तैनाती की है। साथ ही यूक्रेन की सीमाओं पर 1,50,000 सैनिकों, युद्धक विमानों और अन्य साजो-सामान की तैनाती कर रखी है। कीव की आबादी करीब 30 लाख है।

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